
केंद्र सरकार ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि जीएसटी परिषद मई में अपनी अगली बैठक में 5 प्रतिशत स्लैब को हटाने के प्रस्ताव पर विचार करने वाली है।मीडिया में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने अभी तक किसी भी संभावित एजेंडे पर चर्चा नहीं बुलाई है। जीएसटी परिषद की बैठक तभी होगी जब जीओएम संबंधित प्रस्तावों पर रिपोर्ट पेश करेगा।
जीओएम उन सिफारिशों पर विचार करेगा और उन्हें अंतिम रूप देगा जिन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद को भेजा जाएगा और इसमें राज्य के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि राज्यों के राजस्व को बढ़ाने के लिए जीएसटी परिषद अगली बैठक में बड़े पैमाने पर खपत वाले कुछ सामानों को 5 प्रतिशत स्लैब से 3 प्रतिशत स्लैब में लाएगी और बाकी बची वस्तुओं को 8 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में ट्रांसफर करने पर विचार करेगी। वर्तमान में जीएसटी की चार दरें हैं। इसमें 5, 12, 18 और 28 फीसदी का स्लैब है। सोने और आभूषणों पर 3 प्रतिशत की दर से कर लगता है। इसके अलावागैर-ब्रांडेड और अनपैक्ड खाद्य पदार्थों जैसी वस्तुओं के लिए एक विशेषज्ञ सूची भी है, जिस पर जीएसटी नहीं लगता है।5 फीसदी के स्लैब में मुख्य रूप से पैकेज्ड फूड आइटम शामिल हैं।
इसके तहत बेहद जरूरी वस्तुओं पर या तो बहुत कम जीएसटी लगाया जाता है या फिर उन्हें इस प्रणाली से बाहर रखा जाता है। लग्जरी आइटम्स पर सर्वाधिक दर से जीएसटी लगाया जाता है। यह सर्वाधिक दर 28 फीसदी है। हालांकि, बीते वर्षों में 28 फीसदी स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या में काफी कमी कर दी गई है। इस उपकर संग्रह का उपयोग जीएसटी रोलआउट के कारण राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है।1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के समय, केंद्र ने राज्यों को जून 2022 तक पांच साल के लिए मुआवजा देने और 2015-16 के आधार वर्ष के राजस्व पर 14 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से उनके राजस्व की रक्षा करने पर सहमति व्यक्त की थी।
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केंद्र सरकार ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि जीएसटी परिषद मई में अपनी अगली बैठक में 5 प्रतिशत स्लैब को हटाने के प्रस्ताव पर विचार करने वाली है।मीडिया में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने अभी तक किसी भी संभावित एजेंडे पर चर्चा नहीं बुलाई है। जीएसटी परिषद की बैठक तभी होगी जब जीओएम संबंधित प्रस्तावों पर रिपोर्ट पेश करेगा।
जीओएम उन सिफारिशों पर विचार करेगा और उन्हें अंतिम रूप देगा जिन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद को भेजा जाएगा और इसमें राज्य के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि राज्यों के राजस्व को बढ़ाने के लिए जीएसटी परिषद अगली बैठक में बड़े पैमाने पर खपत वाले कुछ सामानों को 5 प्रतिशत स्लैब से 3 प्रतिशत स्लैब में लाएगी और बाकी बची वस्तुओं को 8 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में ट्रांसफर करने पर विचार करेगी। वर्तमान में जीएसटी की चार दरें हैं। इसमें 5, 12, 18 और 28 फीसदी का स्लैब है। सोने और आभूषणों पर 3 प्रतिशत की दर से कर लगता है। इसके अलावागैर-ब्रांडेड और अनपैक्ड खाद्य पदार्थों जैसी वस्तुओं के लिए एक विशेषज्ञ सूची भी है, जिस पर जीएसटी नहीं लगता है।5 फीसदी के स्लैब में मुख्य रूप से पैकेज्ड फूड आइटम शामिल हैं।
इसके तहत बेहद जरूरी वस्तुओं पर या तो बहुत कम जीएसटी लगाया जाता है या फिर उन्हें इस प्रणाली से बाहर रखा जाता है। लग्जरी आइटम्स पर सर्वाधिक दर से जीएसटी लगाया जाता है। यह सर्वाधिक दर 28 फीसदी है। हालांकि, बीते वर्षों में 28 फीसदी स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या में काफी कमी कर दी गई है। इस उपकर संग्रह का उपयोग जीएसटी रोलआउट के कारण राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है।1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के समय, केंद्र ने राज्यों को जून 2022 तक पांच साल के लिए मुआवजा देने और 2015-16 के आधार वर्ष के राजस्व पर 14 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से उनके राजस्व की रक्षा करने पर सहमति व्यक्त की थी।