कटिहार के जयनगर के 30 साल के मोहम्मद रफीक 200 किलो वजनी हैं। आम बाइक इनका वजन नहीं उठा पाती, इसलिए बुलेट से चलते हैं। रफीक हर दिन 3 किलो चावल, 4 किलो आटे की रोटी, 2 किलो मीट, डेढ़ किलो मछली खाते हैं। उन्हें तीन टाइम एक-एक लीटर दूध की भी जरूरत पड़ती है। यानी खाना-पीना मिलाकर रोज की खुराक है 14-15 किलो।
अपने वजन के चलते उन्हें चलने में भी परेशानी होती है। लोग उनका मजाक उड़ाते हैं। एक बीवी उनके लिए ठीक से खाना नहीं बना पाती थी। मोटापे के चलते उनके बच्चे भी नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते रफीक ने दूसरी शादी कर ली। उनकी डाइट की वजह से लोग उन्हें शादी और दूसरे कार्यक्रम में बुलाने से भी डरते हैं।
रफीक ने बताया कि वह पैदल चल नहीं पाते। अगर कुछ दूर चलते हैं तो हांफ जाते हैं। बुलेट भी वजन की वजह से दिक्कत देती है। रफीक के अनुसार वह बचपन से ही ऐसे हैं। पहले चलने-फिरने में परेशानी नहीं होती थी, लेकिन अब ऐसा होता है।
रफीक के पड़ोसी सुलेमान ने बताया कि पूरी हाड़ी का खाना वो खा जाते हैं। थोड़ा ही बच पाता है। वजन अब ज्यादा बढ़ गया है। इसकी वजह से बुलेट भी कभी-कभार फंस जाती है। इसलिए रास्ते में लोगों से धक्का देने के लिए कहना पड़ता है। रफीक संपन्न किसान हैं, जिसकी वजह से उन्हें खाने-पीने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आती।
शहर के सदर अस्पताल के डॉक्टर मृणाल रंजन ने बताया कि रफीक को बुलिमिया नर्वोसा नाम की बीमारी है। इस बीमारी में लोग ज्यादा खाने लगते हैं। इसका समय रहते इलाज शुरू करना जरूरी है। नहीं तो मरीज की जान भी जा सकती है।
