
जोधपुर संभाग मुख्यालय पर आर्यसमाज महामन्दिर रोड पर शुद्ध सात्विक भोजन मिलता है। इच्छुक लोगों के लिए यह पसन्दीदा खान-पान का ढाबा बनता जा रहा है।
‘द सात्त्विक डाईट’ नाम से गौ मन्दिर के सौजन्य से संचालित सेंटर पर घर जैसा स्वादिष्ट, पौष्टिक एवं सात्त्विक भोजन मिलता है। वह भी मात्र 60 रुपए में। पुरातन पाक कला का उदाहरण पेश कर रहे इस अनूठे ढाबे की एक और ख़ासियत यह है। यहां मिट्टी की हाण्डी में चूल्हे पर दाल पकाई जाती है। साथ में दी जाती है अजवाईन और मोयन युक्त मल्टी ग्रेन मिक्स आटे की तन्दूर में पकी रोटी और स्पेशल चटनी। भोजन में थारपारकर गौ माता का घी और घाणी से निकला शुद्ध तेल इस्तेमाल किया जाता है। मतलब, सब कुछ शुद्ध और देशी। भोजन के लिए न कोई थाली, न कटोरी। पत्तल और दोने का ही प्रयोग होता है।
इस ढाबे का संचालन कर रहे नागौर जिले के करणू गांव निवासी सवाई शर्मा बताते हैं कि इससे पूर्व वे कई वर्षों तक महाराष्ट्र के पूणे, औरंगाबाद, नांदेड़, अहमदपुर आदि कई क्षेत्रों में भोजन बनाते रहे हैं।
कुछ समय पूर्व उनके एक मित्र ने जोधपुर के अरना-झरना के पास मोकलावास में संवर्धन गौशाला का संचालन कर रहे राकेश निहाल से सम्पर्क करने को कहा। उनकी प्रेरणा से ही उन्होंने सात्त्विक भोजन सुलभ कराने के लिए करीब एक माह पूर्व इस ढाबे की शुरूआत की।
जैसे-जैसे लोगों को इस ढाबे के भोजन की ख़ासियतों का पता चलने लगा, वैसे-वैसे उनका तांता लगने लगा है। इससे उत्साहित सवाई शर्मा अब अपने ढाबे का विस्तार कर रहे हैं।