राजस्थान में मानसून ने इस बार रिकॉर्ड तोड़ा है। अगस्त महीने में 11 साल बाद भारी वर्षा हुई है।, पश्चिमी राजस्थान में बारिश ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। इससे पूरा रेगिस्तानी इलाका हरा-भरा हो गया है। एक वक्त था जब इस भू-भाग में शहर व कस्बों से बाहर निकलते ही चारों तरफ रेत के टीले नजर आते थे। लेकिन, इस बार मानसून ने इन टीलों पर हरियाली की चादर ओढा दी है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के छह जिले (बीकानेर, बाड़मेर, चूरू, जोधपुर, गंगानगर और जैसलमेर ) में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। पिछले साल की तुलना में इस साल 70 से 123 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।
सबसे ज्यादा बारिश जैसलमेर में हुई है, जहां पिछले साल की तुलना में 123 प्रतिशत बारिश हुई। पिछले साल 156 एमएम बारिश हुई, लेकिन इस बार यहां 3 सितंबर तक 350 एमएम बारिश हो चुकी है। बीकानेर में पिछले दिनों तक बारिश का प्रतिशत 130 प्रतिशत के आसपास था, लेकिन अगस्त के अंतिम सप्ताह में बारिश नहीं हुई। इसके बावजूद पिछले साल की तुलना में 97 प्रतिशत ज्यादा बारिश है। पिछले साल बीकानेर में महज 171 एमएम बारिश हुई, लेकिन इस बार ये आंकड़ा 433 एमएम तक पहुंच गया है। इसी तरह बाड़मेर में 84 प्रतिशत, चूरू में 70 प्रतिशत, जोधपुर में 71 प्रतिशत, गंगानगर में 85 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।
3 सितंबर को जारी मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस बार मानसून इतना शानदार रहा कि प्रदेश के किसी भी जिले में सामान्य से कम बारिश नहीं हुई। आमतौर पर सामान्य बारिश से बीस प्रतिशत कम बारिश वाले जिलों को सामान्य से कम की श्रेणी में रखा जाता है। इस बार इस सूची में कोई जिला नहीं है। सभी जिलों में लगभग सौ फीसदी बारिश हुई है। सामान्य तौर पर मानसून में होने वाली बारिश से आकलन करे तो राज्यभर में सबसे ज्यादा बारिश बीकानेर में हुई। सामान्य से करीब सौ प्रतिशत ज्यादा बारिश वाले इस जिले के रेगिस्तान में इसका अहसास भी होता है।
सैकड़ों किलोमीटर लंबे-चौड़े रेगिस्तान में न सिर्फ किसानों को अच्छी फसल मिली है, बल्कि पशुओं के लिए जमकर चारा भी हो गया है। खेतों में मोंठ, बाजरा, ग्वार, मूंगफली, बाजरी की खेती हो रही है। दस साल में पहली बार होगा कि मंडियों में इनकी बंपर आवक आने वाली है। न सिर्फ बीकानेर बल्कि अन्य जिलों में भी बंपर फसल होने की उम्मीद की जा रही है।
सीमाई जिलों में भरपूर वर्षा से गोचर भूमि हरे चारे से भर गई है। बीकानेर के अलावा जैसलमेर, जोधपुर, चूरू, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के रेगिस्तानी इलाके में जबर्दस्त बारिश के बाद हरा चारा हर कहीं नजर आ रहा है।
मौसम विभाग ने अभी भी जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, झुंझुनूं, सीकर, टोंक, बूंदी, भीलवाड़ा, उदयपुर, सिरोही के माउंट आबू, झालावाड़, बारां, राजसमंद, कोटा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिलों और आसपास के इलाकों में बिजली की गरज-चमक के साथ हल्की से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 9 सितंबर से 15 सितंबर तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान लगाया है। सितंबर में औसत से 109 फीसदी ज्यादा बारिश प्रदेश में होने का अनुमान है।
