परिवार की तीन पीढी को खत्म करने वाले जोधपुर जिले के लोहावट निसावी शंकर लाल के मोबाइल से चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। वह अपने घरवालों को मारने के लिए एक-दो महीने से प्लानिंग कर रहा था। गूगल पर उसने यहां तक सर्च किया कि परिवार को मारने पर उसे स्वर्ग मिलेगा या नर्क। उसने यह भी पता किया कि पत्नी की जान न लेने पर उसे सरकार कितनी पेंशन देगी।
शंकर लाल ने गत 3 नवंबर को मां-बाप और दो बेटों का कत्ल करने के बाद खुदकुशी कर ली थी। वह सितंबर से ही प्लानिंग कर रहा था कि परिवार को कैसे मारना है? पुलिस ने शंकर लाल के मोबाइल की हिस्ट्री खंगाली तो चौंक गई। शंकर लाल की अफीम की लत बढने लगी थी। उसे सनक चढ़ गई कि परिवार को ठिकाने लगाना है। पत्नी से अनबन भी होने लगी। क्योंकि वह बार-बार टोकती थी। उसने फैसला सुना दिया था कि वह अलग रहना चाहती है। अफीम के नशे की सनक में वह सितंबर से ही हत्या की प्लानिंग करने लगा था। उसने क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया की क्राइम सीरीज देखना शुरू किया। सितंबर-अक्टूबर में गूगल पर मर्डर की प्लानिंग, नींद की गोलियां और जहर को लेकर भी कई बार सर्च किया। इसके बाद 3 नवंबर गुरुवार को मां-बाप और अपने 2 बेटों को मार डाला।
शंकर ने ठान लिया था कि उसे परिवार को ठिकाने लगाना है। मगर उसे डर था कि हत्या के बाद होगा क्या? उसने गूगल पर सर्च करना शुरू किया कि परिवार को मारने पर क्या उसे स्वर्ग मिलेगा। क्या वो खुद नर्क में जाएगा या स्वर्ग में जाएगा? शंकर ने सोच लिया था कि परिजनों को पहले नींद की गोलियां देनी है और जहर भी देना है। फिर सर्च किया कि सबसे अच्छी नींद की गोली कौन सी है। इसके साथ जानकारी जुटाई कि सबसे अच्छा जहर कौन सा है? नींद की गोलियों और असरदार जहर को लेकर कई जानकारी भी उसने इंटरनेट से जुटाई थी कि यह कैसे और कब तक असरदार होगा।
आरोपी ने 14 सितंबर से ही फेसबुक के साथ इंटरनेट और अन्य प्लेटफॉर्म पर क्राइम सीरीज देखनी शुरू कर दी थी। शुरुआती दिनों में क्राइम पेट्रोल की तीन से चार सीरीज देखी। इसके बाद उसने प्लान बनाना शुरू किया। ये भी सामने आया कि शंकर से पत्नी की अनबन भले ही चल रही थी, लेकिन वह पत्नी को नहीं मारना चाहता था। इसलिए उसने पति की मौत के बाद विधवाओं के लिए चलने वाली योजनाओं की भी जानकारी जुटाई थी। इसके साथ ही सर्च किया था कि परिवार की मौत के बाद सरकार क्या आर्थिक सहायता देती है। उसके मरने के बाद पत्नी को विधवा पेंशन योजना के तहत कितने रुपए मिलेंगे।
शंकर की भाभी ने पुलिस को बताया कि बुधवार रात को आरोपी ने परिवार के सभी लोगों को 22 नींद की गोलियां दी थी। शंकर ने परिवार को बोला कि सभी खेत में दिनभर काम करते हैं, इसलिए थक जाते हैं। ये गोलियां खाने से नींद अच्छी आएगी। उसने गुरुवार को भी सभी को शिकंजी में तीन-तीन नींद की गोलियां डालकर दीं। उसके बाद शंकर लाल (38) ने 3 नवंबर की शाम पहले अपने पिता सोनाराम (65) पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया और भाग गया। सोनाराम को घायल देख कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
शंकर ने घर में बाकी परिजन के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं। सभी बेहोश हो गए तो सबसे पहले अपनी मां चंपा (55) को घर में बनी पानी की टंकी में फेंक दिया था। उसका बेटा लक्ष्मण (14) भी वहीं सो रहा था, उसे भी टंकी में फेंक दिया। शंकर का छोटा बेटा दिनेश (8) अपनी मां के पास सो रहा था, सुबह करीब 5 बजे उसे भी टंकी में फेंक दिया था। इसके बाद खुद मामा के यहां बनी टंकी में कूद गया।
