वैज्ञानिकों ने ऐसे 24 ग्रहों को खोजा है, जहां जीवन की संभावनाएं धरती से बेहतर हो सकती हैं। इनमें से एक की स्थिति पृथ्वी जैसी ही है।
हम जितने भी ग्रहों को जानते हैं, उनमें पृथ्वी अकेली ऐसी ग्रह है जहां जीवन मौजूद है। अब वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड में ऐसे और भी ग्रह हो सकते हैं, जहां जीवन की संभावनाएं धरती से बेहतर हैं। इन ग्रहों को सुपर-हैबिटेबल प्लेनेट कहा जा सकता है।
वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी और बर्लिन की टेक्निकल यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट डर्क शुल्ज़-मकुच और उनकी टीम ने केपलर ऑब्जेक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट एक्सोप्लैनेट आर्काइव की जांच की। इस जांच में करीब 4,500 ऐसे प्लैनेटरी सिस्टम पर फ़ोकस किया गया था, जिनमें ऐसी चट्टानें थीं, जिनके अंदर तरल पानी रह सकता है। इस शोध को 2020 में एस्ट्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया था। वैज्ञानिकों ने सूर्य जैसे पीले ड्वार्फ तारों वाले ग्रहों के अलावा, नारंगी ड्वार्फ़ तारों को भी देखा, जो ठंडे, धुंधले और सूर्य से छोटे थे।
शुल्ज़-मकुच के अनुसार अनुमान लगाया जाता है कि हमारे सूर्य का जीवनकाल करीब 1000 करोड़ साल से कम है, जबकि नारंगी तारों का जीवनकाल 2000 से 7000 करोड़ साल है। चूंकि पृथ्वी पर जटिल जीवन दिखने में करीब 350 करोड़ साल लगे, इस हिसाब से नारंगी ड्वार्फ तारों के लंबे जीवनकाल में, जीवन को विकसित करने वाली स्थितियों को बनाने में ज़्यादा समय लगा हो। पृथ्वी करीब 450 करोड़ साल पुरानी है। इसलिए शोधकर्ताओं का अनुमान है कि जीवन के लिए सबसे बेहतर स्थिति ऐसे ग्रहों की हो सकती है, जिनका जीवनकाल 500 से 800 करोड़ साल हो।
शुल्ज़-माकुच और उनकी टीम ने 24 सुपर हैबिटेबल ग्रहों की पहचान की है। इनमें से कोई भी ग्रह उन सभी मानदंडों को पूरा नहीं करता जो शोधकर्ताओं ने सुपरहैबिटेबल ग्रहों के लिए बनाए थे, लेकिन एक ग्रह पर कुछ संभावना दिखी। यह ग्रह है केओआई 5715.01. यह ग्रह करीब 550 करोड़ साल पुराना है और पृथ्वी के व्यास का 1.8 से 2.4 गुना है। यह 2,965 प्रकाश वर्ष दूर एक नारंगी ड्वार्फ के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी सतह का औसत तापमान पृथ्वी की तुलना में लगभग 2.4 डिग्री सेल्सियस ठंडा हो सकता है, लेकिन अगर इसमें गर्मी बनाए रखने के लिए पृथ्वी की तुलना में ज्यादा ग्रीनहाउस गैसें हैं, तो यह रहने योग्य हो सकता है।
सभी 24 संभावित रूप से रहने योग्य ग्रह पृथ्वी से 100 प्रकाश वर्ष से ज्यादा दूर हैं। मगर इनपर स्टडी करने के लिए इनकी हाई-रिज़ोल्यूशन तस्वीरें मिलना मुश्किल है। क्योंकि ये नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट स्पेसक्राफ्ट से काफी दूर हैं। फिर भी शुल्ज़-मकुच को उम्मीद है कि भविष्य के नए लॉन्च किए गए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जैसे स्पेस क्राफ्ट इन ग्रहों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
