राजस्थान में अगले बजट को लेकर सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए उद्यमियों से सुझाव लिए गए है। उन्होंने पेट्रोल, डीजल की वैट दरों में कमी की मांग की है। इसके साथ ही सेस को समाप्त करते हुए टोल टैक्स कम करने को कहा है। प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से प्रमुख शासन सचिव, वित्त अखिल अखिल अरोड़ा की अध्यक्षता शनिवार को शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में सुझाव आमंत्रित किए गए।
बैठक में अरोड़ा ने कहा कि आगामी बजट को अधिक समावेशी, समयानुकूल और जनकल्याणकारी बनाने की दिशा में समाज के विभिन्न वर्गो से जो सुझाव लिए जा रहें है, उन सभी पर गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श कर उन्हें बजट में शामिल करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। बैठक में प्रमुख शासन सचिव के समक्ष विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने संगठनों की समस्याओं का जिक्र करते हुए राज्य सरकार से विभिन्न पहलुओं पर वित्तीय राहत एवं करों की अदायगी के सरलीकरण की मांग की। उन्होंने प्रमुख रूप से राज्य सरकार द्वारा उद्योग जगत को दी जा रही विशेष प्राथमिकता की सराहना करते हुए भूमि को कम लागत में उद्यमियों को उपलब्ध कराने, एकल खिड़की योजना को सुदृढ बनाने, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के साथ पानी एवं बिजली को कम दर पर उपलब्ध कराने की बात कही। साथ ही राज्य में आयात के विकल्प उत्पादों को बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के साथ सौर एवं पवन उर्जा उत्पादनकर्ताओं को विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने की मांग की।
प्रतिनिधियों ने कहा कि देश के अनेक राज्यों की तर्ज पर राज्य में भी कुछ विशेष क्षेत्रों में टैक्स फ्री जोन निर्मित किए जाएं। साथ ही, औद्योगिक संगठनों ने रीको द्वारा भूमि का आवंटन एम.एस.एम.ई. को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर रियायती दरों में करवाने के साथ ओपन ई-टेंडर की प्रक्रिया को सरलीकृत करने आदि पर बल दिया।
औद्योगिक संगठनों ने भिवाड़ी को जिला बनाने एवं उसे एन.सी.आर. से मुक्त करने की मांग रखी। महिला उद्यमियों के संगठनों ने महिला उद्यम पार्क बनाने सहित महिला उद्यमियों के लिए बजट में विशेष रियायत की घोषणा करने के सुझाव दिए। वहीं युवा उद्यमियों के संगठन ने विद्यालयों में करियर काउंसलिंग सैल का गठन करने एवं एस.एम.एस. स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए विशेष आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की बात कही। उद्यमियों ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए वन टाईम रजिस्ट्री चार्ज वसूलने सहित माईनिंग इंडस्ट्रीज के लिए डीजल खरीद पर कर में रियायत की मांग की। उद्यमियों ने व्यापारी कल्याण बोर्ड बनाने और वेयर हाउस को इंडस्ट्री का दर्जा देने की बात भी कही। वहीं होटल और टयूरिज्म सेक्टर में टैक्स, शुल्क और लाइसेंस में छूट की मांग रखी।
