बलात्कार का आरोपी निकला लड़की !

राजस्थान के सिरोही जिले में नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के आरोपी को पकड़कर पुलिस थाने लाई तो वह लड़का नहीं लड़की निकली। पुलिस जब उसको पकड़कर थाने लाई तो उसने कहा कि वह बलात्कार नहीं कर सकती है, क्योंकि वह खुद एक लड़की है। पुलिस ने उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया।

जब वह बार-बार इसी बात पर अड़ी रही, तो पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच करवाई। जांच में सामने आया कि वह सही कर रही है। यह लड़का नहीं बल्कि महिला है। यह 3 साल पहले एक बेटी को भी जन्म भी दे चुकी है।

महिला पुलिस थानाधिकारी एसआई माया पंडित ने बताया कि महिला पुलिस थाने में 28 नवंबर को एक नाबालिग लड़की ने मेड़ा निवासी शंकर (25) के खिलाफ अपहरण कर बलात्कार करने का मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया कि शंकर उसे अपहरण कर ले गया और 2 दिन लगातार बलात्कार किया।

बाद में उसे ऑटो रिक्शा में बैठाकर सारणेश्वरजी से थोड़ी दूरी पर छोड़कर शिवगंज की तरफ चला गया। पुलिस ने आरोपी युवक की तलाश शुरू की, लेकिन मेड़ा गांव में शंकर नाम का कोई युवक नहीं मिला। इस पर पुलिस ने फिर पीड़िता से आरोपी युवक के बारे में पूछताछ की। पीड़िता के बताए हुलिए के आधार पर पुलिस आरोपी युवक को 5 दिसंबर को पकड़कर थाने ले आई।

पुलिस ने आरोपी युवक से पूछताछ की तो उसने कहा कि वह उस लड़की को लेकर जरूर गया था, लेकिन बलात्कार नहीं किया। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने कहा कि वह तो बलात्कार कर ही नहीं सकता है, क्योंकि वह खुद एक लड़की है। इतना सुनते ही एक बार तो पुलिस को भी विश्वास नहीं हुआ, लेकिन लड़के के बार-बार यह बात कहने पर उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने उसकी मेडिकल बोर्ड से जांच करवाने की बात कही।

इस पर थानाधिकारी ने सिरोही अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को मेडिकल बोर्ड से जांच के लिए कहा। जांच में सामने आया कि यह लड़का नहीं औरत है और करीब 3 साल पहले एक बच्चे को जन्म दे चुकी है। जांच रिपोर्ट आने तक आरोपी को वन स्टॉप सेंटर (महिला आश्रम गृह) में रखा गया।

मेडिकल जांच में युवक के औरत होने की पुष्टि होने पर आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की की मां और उसकी मौसी की मेडिकल बोर्ड की टीम के साथ बातचीत करवाई गई। टीम की बात सुनकर पीड़िता की मां और मौसी ने यह स्वीकार किया कि उनकी बच्ची झूठ बोल रही है। वहीं, पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज होने के बाद पीड़िता का मेडिकल चेकअप कराया था, जिसकी एफएसएल रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

मेडिकल में लड़के के औरत होने की बात साबित होने पर पुलिस ने बलात्कार का मामला झूठा पाया, लेकिन नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने का अपराध पाया। इस पर पुलिस ने आरोपी को 8 दिसंबर को सिरोही कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेजा गया।

सिरोही जिला जेल में कोई भी महिला कैदी नहीं होने पर उसे जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है। वहां उसे देखने के बाद जेल के अधिकारी भी चौंक गए। उन्होंने महिला थाना के पुलिस अधिकारियों से कहा कि इस आदमी को यहां क्यों लाए हो। जब उन्हें हकीकत बताई गई कि यह पुरुष नहीं महिला है तो एक बार तो उन्हें भी यकीन नहीं हुआ।

पुलिस ने बताया कि आरोपी युवती से जब पुरुष बनकर रहने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह जीवनयापन करने के लिए पुरुष बनकर रहती है। उसने बताया कि उसके माता-पिता की काफी समय पहले ही मौत हो चुकी थी। उसके बाद भाई ने उसे किसी को बेच दिया था। खरीदने वाले ने उससे शादी की और उसके 3 साल की बेटी है। इसके बाद उसने उसे छोड़ दिया और बेटी को अपनी पास रख लिया। इसके बाद उसने बाल कटवाए तथा पेंट-शर्ट पहनकर लड़कों की तरह रहने लगी। फिर अलग-अलग होटल और ढाबों पर नौकरी की। कभी कैटरिंग वालों के साथ शादियों में लड़का बनकर काम करनी जाती है।

कैटरिंग वालों के यहां काम करते हुए उसे पुलिस पकड़ कर महिला थाने लाई थी। युवती ने बताया कि वह जब भी कहीं काम करती है, तो खुद का नाम और पिता का भी नाम बदल लेती है। गांव का नाम भी अलग-अलग बताती है।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.