मध्यप्रदेश के झाबुआ की घटना। वहां राणापुर ब्लॉक के ग्राम सजवानी बड़ी की पटवारी रेशमा डामोर का सीमांकन के लिए रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हो गया। इसमें पटवारी अपनी सफाई में कह रही है कि लोग जबरदस्ती पैसा दे जाते हैं, हमारे द्वारा पैसों की कोई मांग नहीं की जाती है। इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि सीमांकन का कोई भी कार्य रुका हुआ नहीं है, आप पूरे मामले की जानकारी दीजिए, हम मामला दिखा लेते हैं।
पांच दिन पहले सजवानी बड़ी निवासी धारजी पिता गुला सीमांकन के लिए पटवारी रेशमा डामोर के निवास पर झाबुआ आए थे। वहां पटवारी ने उनसे सीमांकन के लिए 30000 रुपए की मांग की थी। धारजी 20000 रुपए देने को राजी था। धारजी ने 2000 पहले जमा किए थे, जिसके 5 दिन बाद वह फिर से 5000 रुपए लेकर पटवारी के घर गया था। सीमांकन के एवज में धारजी के बेटे तने सिंह के साथ कुछ और ग्रामीण भी गए थे। जब तने सिंह पटवारी को पैसा दे रहा था, तब किसी ने वीडियो बना लिया। 5000 रुपए लेते हुए पटवारी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
वीडियो में पटवारी साफ तौर पर अपने घर से ही पंचनामा बनाती हुई दिखाई दे रही है। कुछ लोग पटवारी से मौका मुआयना करने की भी मांग कर रहे हैं। मगर पटवारी सीमांकन के लिए 20000 रुपए की रकम को कम बता रही है। वीडियो वायरल होने के बाद आदिवासी सामाजिक संगठनों ने भ्रष्टाचार की पोल खोलते इस मामले की जांच करने की मांग की है।
पटवारी रेशमा का कहना है कि सीमांकन के अतिरिक्त दूसरा काम भी किया जा रहा है। काम के लिए पैसे की मांग नहीं की गई। लोग अपनी खुशी से जानबूझकर पैसा देकर जाते हैं। हम मना कर रहे थे तो भी उन्होंने पैसा दिया।
