राष्ट्रपति भवन के प्रसिद्ध मुगल गार्डन का नाम बदल दिया गया है। अब इसे ‘अमृत उद्यान’ के नाम से पुकारा जाएगा। शनिवार 28 जनवरी को राष्ट्रपति के आदेश पर मुगल गार्डन का नाम बदला गया है। 15 एकड़ में फैले मुगल गार्डन को अक्सर राष्ट्रपति महल की आत्मा के रूप में चित्रित किया जाता है।
बताया जा रहा है कि अमृत महोत्सव के तहत मुगल गार्डन का नाम बदला गया है। अमृत उद्यान (मुगल गार्डन) में 12 किस्म के ट्यूलिप के फूल होते हैं। यह उद्यान इस वर्ष 31 जनवरी को 26 मार्च तक दो माह तक के लिए खुला रहेगा। गार्डन खुलने का समय 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। आज इसे किसानों, 29 को दिव्यांगों, 30 मार्च को पुलिस और सेना के लिए यह विशेष रूप से खुलेगा।
राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने कहा, स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के बगीचों को ‘अमृत उद्यान’ के रूप में एक सामान्य नाम दिया है। अमृत उद्यान (मुगल गार्डन) में 12 तरह के विशेष किस्म के ट्यूलिप के फूल लगाए हैं। गार्डन में सेल्फी प्वांइट भी हैं। साथ ही यहां फूड कोर्ट भी चालू रहेगा। लोग क्यूआर कोड से पौधों के किस्मों की जानकारी ले सकेंगे। यहां 120 प्रकार गुलाब हैं, जिनमें 40 खुशबू वाले गुलाब हैं।
मुगल गार्डन को पहले फर्स्ट गार्डन ऑफ रिपब्लिक कहा जाता था। अंग्रेजी वास्तुकार सर एडवर्ड लुटियन्स ने इसे डिजाइन किया था। मुगल गार्डन का डिजाइन ताजमहल के बगीचों, जम्मू और कश्मीर के बगीचों और भारत और पर्शिया की बड़ी पेंटिंग से प्रभावित था।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने साल 2002 में राष्ट्रपति भवन एस्टेट में हर्बल गार्डन की स्थापना की। यहां पर करीब 33 औषधीय और सुगंधित पौधे हैं। दूसरा स्पिरिच्युअल गार्डन राष्ट्रपति भवन में एक अनूठी सोच है। तीसरा है म्यूजिकल गार्डन – फरवरी 2006 में इसका उद्घाटन किया गया।
