राजस्थान में विधानसभा चुनाव के इस साल में सीएम अशोक गहलोत ने बड़े वोटबैंक को कांग्रेस की ओर खींचने के लिए नया दांव खेल दिया है। उन्होंने ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स एवं मदरसा पैराटीचर्स को होली का तोहफा देते हुए इनके मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। इन सभी को अब बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। इन कर्मचारियों की बड़ी संख्या हैं। माना जा रहा हैं गहलोत का ये कदम कांग्रेस को मजबूत करने की कवायद है, ताकि पार्टी को आने वाले चुनाव में फायदा मिल सके।
प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स व मदरसा पैराटीचर्स को अब मासिक मानदेय 16900 रुपए मिलेगा। इसका लाभ इन्हें जल्द ही मिलने लगेगा। इस बढ़ोतरी का लाभ बीएड, बीएसटीसी अथवा डीएलईडी की शैक्षणिक योग्यता वाले संविदाकर्मियों को भी देय होगा।
इसके अलावा शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक एवं मदरसा पैराटीचर्स का पदनाम संशोधित कर क्रमशः सहायक शिक्षक, कनिष्ठ शिक्षक, पंचायत शिक्षक एवं शिक्षा अनुदेशक कर दिया गया है। साथ ही, इन सभी पदों पर कार्यरत संविदाकर्मियों का 9 वर्ष एवं 18 वर्ष की संविदा सेवा अवधि पूरी करने पर मासिक मानदेय बढ़ाकर 29 हजार छह सौ और 51600 रुपए कर दिया गया है और पदनाम में क्रमशः ग्रेड-2 व ग्रेड-1 जोड़ने का प्रावधान भी किया गया है।
इन नियमों के अंतर्गत आने से पूर्व यदि किसी संविदाकर्मी को नए निर्धारित मानदेय से ज्यादा मानदेय प्राप्त हो रहा है, तो उनके मानदेय को संरक्षित किया जाएगा।
