राजस्थान में विधानसभा चुनाव वाले इस साल में भाजपा नेतृत्व ने सतीश पूनिया को हटाकर चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सभी को चौंका दिया है। कयास लग रहे थे कि सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत, ओम माथुर और अन्य वरिष्ठ नेताओं में से किसी नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन पार्टी ने जोशी के नाम पर मुहर लगाकर सभी कयासों पर विराम दे दिया।
इसी प्रकार सितंबर 2019 में सतीश पूनिया को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाने का चौंकाने वाला निर्णय लिया गया था। उन दिनों सतीश पूनिया का नाम भी चर्चाओं में नहीं था। उनका 3 साल का कार्यकाल सितंबर 2022 में पूरा हो गया था। हालांकि पार्टी के कई नेताओं का कहना था कि विधानसभा चुनाव तक प्रदेश नेतृत्व में बदलाव नहीं होगा, लेकिन अब केंद्रीय नेतृत्व ने नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है।
राजस्थान में भाजपा को नेता प्रतिपक्ष फैसला अभी करना है। ऐसे में सीपी जोशी के अध्यक्ष बनने से नई भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करना चुनौतीभरा होगा । राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने है, इसलिए यह बदलाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सीपी जोशी ने बीते रविवार को जयपुर में हुई ब्राह्मण महापंचायत में शिरकत की थी । माना जा रहा है कि राजस्थान में भाजपा ने ब्राह्मण वोटरों को साधने लिए यह फैसला लिया है।
जोशी को गैर-विवादास्पद चेहरा माना जाता है। विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने के इरादे से उनकी नियुक्ति की गई है। राजस्थान की राजनीति में दो प्रमुख जातियां राजपूत और जाट अक्सर अलग-अलग छोर पर रहती हैं। ब्राह्मण चेहरे की घोषणा करके बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया गया है।
जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना भाजपा की खेमेबाजी पर पानी डालने के लिए भी अहम है। अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे सतीश पुनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का अलग-अलग खेमा था। हाल ही में सतीश पुनिया ने पेपर लीक मामले में प्रदर्शन का ऐलान किया, तो वसुंधरा राजे उसी दिन अपने जन्मदिन का कार्यक्रम कर रहीं थीं। इन दोनों के अलावा राजस्थान में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का अलग खेमा है। वह अपना अलग ही कार्यक्रम चलाया करते हैं। अभी हाल ही में वीरांगनाओं का मामला उन्होंने उठाया। भाजपा के लिए सबसे बड़ी समस्या अलग-अलग खेमे बना चुके इन नेताओं को एकजुट करना था। इस कड़ी में माना जा रहा है कि सीपी जोशी कारगर साबित हो सकते हैं। सीपी जोशी के सभी नेताओं से अच्छे संबंध हैं और उनको किसी एक खेमे का नहीं माना जाता है। हाल ही में मेवाड़ क्षेत्र के दिग्गज भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बना दिया गया। सीपी जोशी भी उसी क्षेत्र से आते हैं। उनका चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हिंदी पट्टी वाले इलाकों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे पर दांव नहीं खेला, लेकिन राजस्थान में यह दांव चला है।
जोशी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार सांसद बने थे और 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद बने। इससे पहले वे पंचायत समिति सदस्य रह चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सीपी जोशी वर्तमान में पार्टी के उपाध्यक्ष भी है।
