देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार शिर्डी के साईं मंदिर में चढ़ावा फिर से चर्चा में है। मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां करोड़ों रुपयों का दान करते हैं। यही चढ़ावा अब ट्रस्ट के लिए सिरदर्द बन गया है। चढावे में मिले हजारों किलो वजन के सिक्कों से साई मंदिर ट्रस्ट और बैंक परेशान हैं।
बैंक प्रशासन का कहना है कि अब ग्राहक सिक्के नहीं लेते, इन्हें रखने की जगह भी कहीं नहीं है। बताया जा रहा है कि साढ़े तीन से चार करोड़ रुपये के सिक्के रखने की जगह न तो बैंक के पास है और न ही ट्रस्ट के पास। साईबाबा मंदिर ट्रस्ट शिरडी के एक्टिंग सीईओ राहुल जाधव का कहना है कि साई मंदिर में भक्त एक रुपये से लेकर करोड़ों रुपये तक दान करते हैं। हफ्ते में दो बार कैश की काउंटिंग होती है और सिक्कों को विभिन्न बैंकों में जमा किया जाता है।
मगर अब बैंक हजारों किलो वजन के सिक्के जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं। पिछले काफी सालों से चढ़ावे में आई रकम को 13 विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा किया जाता है। चूंकि अब बैंकों के पास सिक्कों को रखने की जगह नहीं बची, इसलिए जाधव के अनुसार कमेटी ने जिले के अन्य बैंकों में अकाउंट खोलने का निर्णय लिया है। हमने रिजर्व बैंक से भी गुजारिश की है कि सिक्कों की समस्या का हल निकलें।
बताया जा रहा है कि सिक्कों से ट्रस्ट और बैंक ही परेशान नहीं है. बल्कि बैंक की बिल्डिंग के नीचे काम करने वाले कारोबारी भी डरे हुए हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि कहीं सिक्कों के वजन से बिल्डिंग गिर न जाए। जल्द से जल्द इन सिक्कों यहां से हटाने की जरूरत हैं। वैसे कहा जा रहा है कि ऑनलाइन पेमेंट की वजह से अब सिक्कों का चढावा कम हुआ है।
