केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ‘राजनीति का रावण’ कहे जाने के बाद सीएम का जवाबी बयान आया है। एक कार्यक्रम में पहुंचे सीएम गहलोत ने मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री के विवादित बयान पर पूछे सवाल पर चुटकी लेते हुए कहा, मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है कि वो क्या बोलते हैं। मुझे तकलीफ इस बात की है कि करीब ढाई लाख लोग, जो बेचारे बर्बाद हो गए, किसी के 25 लाख, किसी के 50 लाख तो किसी के 1 करोड़ रूपए डूब गए, उनके पैसों का क्या होगा? उसका हिसाब वो (शेखावत) दें।
सीएम गहलोत ने कहा, उन्हें (शेखावत को) ज़मानत करवानी पड़ी हाईकोर्ट से। क्योंकि वो मुल्ज़िम हैं इस मामले में। जबकि नाटक किया गया कि मैं मुल्ज़िम हूँ ही नहीं। फिर खुद झूठे साबित हुए, क्यों गए हाईकोर्ट के अंदर? क्यूँ सीबीआई की मांग कर रहे हैं वो? क्योंकि ये इतना बड़ा कांड है। ये इथोपिया में, ऑस्ट्रेलिया में छुपते रहते हैं, बड़े-बड़े फ़ार्म हाउस बना लिए हैं। संजीवनी और कई कंपनियां बनाई हैं। मैं तो उन्हें राम कह दूंगा, अगर वो संजीवनी मामले के पीड़ितों को पैसे लौटा दें।
केंद्रीय मंत्री के मुख्यमंत्री पर विवादित टिप्पणी मामले में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। एक ट्वीट में लोकेश शर्मा ने लिखा, गजेंद्र सिंह शेखावत जी का ये बयान बेहद निंदनीय है। इस तरह के बयान देकर केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री जी का नहीं बल्कि राजस्थान के उन तमाम लोगों का अपमान कर रहे हैं, जो अपने सीएम को असीम प्यार और सम्मान देते हैं।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने गुरूवार को भाजपा के जनाक्रोश अभियान के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत को ‘राजनीति का रावण’ कह डाला था। उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल से गहलोत सरकार जनता को लूट रही है, धोखा दे रही है। जनता ‘राजनीति के रावण’ अशोक गहलोत को हटाने का संकल्प ले।
