भरतपुर जिले में माली, सैना, शाक्य, कुशवाहा, मौर्य औऱ काछी समाजों का आरक्षण आंदोलन आज 12वें दिन टाल दिया गया। इसी के साथ नेशनल हाईवे-21 पर लगा जाम भी हट गया। एनएचएआई ने हाईवे की सफाई कर उसे यातायात के लिए खोल दिया।
21 अप्रैल से चले आ रहे आंदोलन को, आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने आज सुबह यह कहते हुए समाप्त किया कि इसे 10 दिन के लिए टाला गया है। वह ऐसा ऐलान कर धरनास्थल से चले गए, लेकिन खबर है कि दूसरा गुट अभी भी जाम वाले स्थान पर बैठा हुआ है।
माली, सैनी, शाक्य, मौर्य, कुशवाहा, काछी समाज का 12 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण की मांग को लेकर जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर लगातार 11 दिन से आंदोलन जारी था। आंदोलनकारियों ने एक किमी तक हाईवे पर जाम लगा रखा था, जिसके चलते वाहन चालकों को पेरशानी का सामना करना पड़ रहा था। एक किमी के दायरे में सड़क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। अब जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में 4 जून को माली महासंगम का आयोजन किया जाएगा।
मुरारी लाल सैनी सहित समाज के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को जयपुर में ओबीसी आयोग से वार्ता की थी। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिए सर्वेक्षण कराने और नौकरियों व उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग रखी। चर्चा के बाद संघर्ष समिति ने आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया। वार्ता के बाद सैनी ने कहा था कि हम आयोग के साथ हुई बातचीत से संतुष्ट हैं। आयोग ने 10 दिनों में जिला कलेक्टरों से समुदाय की स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है, जिसके लिए वे सहमत हुए हैं। ओबीसी आयोग एक महीने में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेगा। इसके बाद आरक्षण पर सरकार फैसला करेगी।
