
दूसरी पारी में श्रीमान् मफलर का नया अवतार देखने को मिल सकता है !! शुरूआती संकेत तो यही मिल रहे हैं। जेएनयू के युवा-तुर्क के खिलाफ मुकदमे की लंबे समय से दबी पड़ी अनुमति दे दी गई। केन्द्रीय आकाओं से सौहार्दपूर्ण मुलाकातें हो गईं। ये सब दुबारा सिंहासन मिलने के चंद दिनों के भीतर हुआ है।
इसी बीच, ये खबर भी चलाई गई है कि प्रधानसेवक, श्रीमान् को पसंद करने लगे हैं। वास्तविकता तो यह है कि वो कभी चाहते ही नहीं थे कि मफलर-मैन राजनीति में आए-गए हो जाएं। वो तो सिर्फ कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं। बाकी दलों से उन्हें कोई बैर नहीं है। बल्कि उनकी इच्छा तो ये है कि अन्य दल पनपें। मजबूत विपक्ष बनें।
इस पूरे सीन से यह तो कन्फर्म हो जाता है कि केन्द्रीय सत्ता के आका उल्लू सीधा करने में गजब की महारत रखते हैं। उनका सीधा, टेढा कोई भी काम रुकना नहीं चाहिए। इसके लिए लगभग सभी अहम संस्थाओं को वश में कर लिया गया है। ताकि कोई कितना भी बड़ा संस्था प्रधान हो, आकाओं के काम में अड़ंगा न डाल सके।
राज की दबंग चालें देखकर ही तो श्रीमान् मफलर का नया अवतार सामने आया है। उन्होंने सोचा, बताते हैं कि सत्ता की पहली पारी तो तूतू-मैंमैं में निकल गई। अब दूसरी पारी बिना किसी कांये-कलेस के निकले।