
राजस्थान लोकसेवा आयोग को एक झटके में अध्यक्ष और तीन सदस्य मिल गए। इसके साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग भी झटके में हो गई है। चारों नियुक्तियों में रिजर्वेशन का पूरा का पूरा ध्यान रखा गया। तीन ओबीसी, एक अजा। मगर महिला, पुरुष संख्या बराबर से दो-दो रखी गई।
कहने को तो एक नवनियुक्त महिला सदस्य नामी कविराज की श्रीमती जी हैं। पर कहते हैं कि, उनकी नियुक्ति मायके के पुष्पकार कोटे से हुई है।
भले ही शादी बाद उन्होंने सरनेम बदल लिया, लेकिन अजमेर की उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि पर गौर किया गया। भीलवाड़ा के शाहपुरा में टीचर की नौकरी करते कविराज से शादी बाद ससुराल के सरनेम को तो सिर्फ प्रचारित किया गया।
राज्य के सरकार प्रमुख ने जब इन नियुक्तियों पर मोहर लगाई तो यही खबर बनी कि जतिगत समीकरण ध्यान में रखकर ही चारों नाम चुने गए हैं। देखा जाए तो बात सही भी है, पेपर पर तो समीकरण सधे हुए नजर आते हैं।