महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। वजह उनके भतीजे तन्मय फडणवीस हैं, जिनकी कोरोना वैक्सीन लगवाने की फोटो वायरल हुई है। इस पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि तन्मय की उम्र सिर्फ 21-22 साल बताई जा रही है। जबकि 45 साल से कम उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन तो अभी शुरू ही नहीं हुआ है। तन्मय के वैक्सीन लगवाने पर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस ने तंज कसते हुए फडणवीस से पूछा है कि आपके भतीजे आरोग्य कर्मचारी या फ्रंटलाइन वर्कर हैं क्या?
महाराष्ट्र कांग्रेस ने सोशल मीडिया में एक स्लाइड शेयर कर तन्मय के वैक्सीनेशन को लेकर 5 सवाल किए हैं- क्या तन्मय की उम्र 45 साल से ज्यादा है? क्या वे कोई फ्रंटलाइन वर्कर हैं? क्या वे कोई स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं? यदि नहीं, तो उनका टीकाकरण कैसे हुआ? क्या भाजपा के पास रेमेडेसिविर जैसे टीकों का गुप्त भंडार है?
नागपुर के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में हुए वैक्सीनेशन की फोटो को तन्मय ने खुद सोशल मीडिया पर शेयर किया था। अब लोग पूछ रहे हैं कि तन्मय को किस कोटे से वैक्सीन लगा दी गई। फडणवीस पर भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने के आरोप भी लग रहे हैं। सोशल मीडिया में लोग वेब सीरीज ‘चाचा विधायक हैं हमारे’ की फोटो शेयर कर वीआईपी कल्चर पर सवाल उठा रहे हैं। तन्मय के वैक्सीनेशन की फोटो वायरल होने के बाद देवेंद्र फडणवीस को सफाई देनी पड़ी है। उन्होंने कहा, तन्मय मेरे दूर के रिश्तेदार हैं। मुझे कोई अंदाजा नहीं कि किस मापदंड के तहत उन्हें वैक्सीन मिली है। अगर ये तय गाइडलाइंस के मुताबिक हुआ है तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन गाइडलाइंस का उल्लंघन हुआ है तो यह पूरी तरह से गलत है। मेरी पत्नी और बेटी का भी टीकाकरण नहीं हुआ है, क्योंकि वे इसके लिए योग्य नहीं हैं। मेरा मानना है कि सभी को नियमों का पालन करना चाहिए।
नागपुर कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर शैलेश जोगलेकर ने बताया, तन्मय ने नागपुर के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में वैक्सीन का दूसरा डोज लगा है। उन्हें पहली डोज मुंबई के सेवन हिल्स अस्पताल में लगी थी। उन्हें किस प्रोविजन के तहत पहली डोज लगाई गई यह पता नहीं है। उन्होंने हमें पहले डोज का सर्टिफिकेट दिखाया और हमने इसी आधार पर उन्हें दूसरी डोज लगा दी।
