केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के लिए संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव पदों के लिए निजी क्षेत्र के 31 विशेषज्ञों का चयन किया गया है। इनमें तीन संयुक्त सचिव, 19 निदेशक और नौ उप सचिव शामिल हैं।
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह सही प्रतिभा को सही भूमिका प्रदान करने का बड़ा कदम है। उन्होंने ट्वीट किया, सही प्रतिभा को सही भूमिका में रखने के लिए एक बड़े कदम के रूप में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यूपीएससी द्वारा उचित चयन प्रक्रिया के बाद भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में संयुक्त सचिव, निदेशक व उप-सचिव के रूप में 31 सीधी भर्तियों की घोषणा की है।’
उप-सचिव पदों के लिए 20 मार्च को भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। संयुक्त सचिव के लिए 295, निदेशक स्तर के पदों के लिए 1,247 और उप-सचिव स्तर के पदों के लिए 489 आवेदन मिले। आयोग ने ऑनलाइन आवेदन पत्रों के आधार पर 231 उम्मीदवारों का साक्षात्कार के लिए चुना। 27 सितंबर से आठ अक्टूबर 2021 के बीच साक्षात्कार का आयोजन किया गया और 31 उम्मीदवारों का अंतिम चयन किया गया है।
सितंबर 2019 में केंद्र सरकार ने अपनी लैटरल एंट्री नीति के तहत नौ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव नियुक्त किया था। आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करिअर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिवों के पद पर तैनात किया जाता है। लैटरल एंट्री सरकारी विभागों में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति से संबंधित है। हालांकि इसे लेकर मोदी सरकार की काफी आलोचना होती रही है। इसके तहत ऐसे लोगों को आवेदन करने योग्य माना गया है, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा पास नहीं की है।
