राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा को झटका देते हुए धारियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीटें अपने नाम कर ली हैं। धरियावद भाजपा का गढ माना जाता है। यहां पार्टी तीसरे नंबर पर रही है। यहां कांग्रेस के नगराज मीणा जीते हैं। वहीं, वल्लभनगर में कांग्रेस की प्रीति शक्तावत ने जीत हासिल की है।
इस जीत के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कद बढा है। कांग्रेस की कलह के बीच मिली इस चुनावी सफलता ने पार्टी के असंतुष्ट खेमे को नरमी दिखाने को मजबूर कर दिया है। आगे प्रदेश सरकार और संगठन में प्रस्तावित फेरबदल में संतुष्ट खेमे के नेता सचिन पायलट अब शायद ही अपनी चला पाएंगे।
धरियावद में नगराज मीणा ने कुल 18 हजार वोटों से जीत हासिल की है। यहां दूसरे स्थान पर निर्दलीय थावरचंद मीणा रहे। वल्लभनगर में प्रीति शक्तावत ने भाजपा के हिम्मत सिंह झाला को हराया है। वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धारियावाड़ से भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा के निधन के कारण उपचुनाव हुए हैं।
वल्लभनगर में कांग्रेस पार्टी ने गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया था। कांग्रेस ने धारियावद से नागराज मीणा को भाजपा प्रत्याशी खेत सिंह मीणा के खिलाफ मैदान में उतारा था। कांग्रेस की जीत से अशोक गहलोत का कद बढ़ा है और अब सचिन पायलट के नेतृत्व वाले कांग्रेस गुट को उनके खिलाफ थोड़ा नरम होना पड़ेगा।
राजस्थान में दोनों सीटों पर 31 अक्टूबर को ओवरऑल मतदान प्रतिशत 70.41 प्रतिशत रहा था। वल्लभनगर में 71.45 प्रतिशत और धरियावद में 69.38 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि दोनों विधानसभा सीटों पर इस बार पिछले चुनावों के मुकाबले मतदान कम हुआ। वल्लभनगर सीट पर पिछले चुनाव के मुकाबले 4.81 प्रतिशत और धरियावद सीट पर 8.9 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2018 के चुनाव में वल्लभनगर में 76.26 प्रतिशत और धरियावद में 78.28 प्रतिशत मतदान हुआ था।
2018 के विधानसभा चुनाव में वल्लभनगर सीट पर कांग्रेस के गजेन्द्र सिंह शक्तावत और धरियावद पर भाजपा के गौतमलाल मीणा ने कब्जा किया था। मेवाड़ की 28 सीटों में से यह दोनों सीटें दक्षिणी राजस्थान की राजनीति के लिए अहम है।
