केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के उन जवानों के परिवारों को मिलने वाली वित्तीय सहायता को इस नवंबर से बढ़ा दिया गया है, जो कार्रवाई के दौरान शहीद हुए हैं। एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि गृह मंत्रालय की इच्छा है कि कार्रवाई के मामलों में मारे गए सीएपीएफ के सभी जवानों को चरणबद्ध तरीके से 35 लाख रुपये में भुगतान किया जाए।
सूत्रों के अनुसार लगभग सभी बलों ने शहीदों (केवल कार्रवाई करते मारे गए) के परिजनों के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 35 लाख रुपये करने के आदेश जारी किए हैं। यह सहायता 1 नवंबर, 2021 से लागू होगी, लेकिन अन्य सभी प्रकार की मृत्यु में वित्तीय सहायता अपरिवर्तित रहेगी।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, यह (फंड) केवल मुठभेड़ों, गोलीबारी आदि के दौरान मारे गए जवानों के लिए है। अन्य सभी स्थितियों के लिए राशि समान होगी या डीजी द्वारा तय की जाएगी। भुगतान में एकरूपता का निर्णय शहीदों के परिवार के सदस्यों द्वारा राशि में अंतर के बारे में चिंता व्यक्त करने के बाद किया गया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक अधिकारी ने कहा, बल अपनी वित्तीय योजना के अनुसार निर्णय लेते थे, लेकिन अब यह एक समान है। सुरक्षाबल अपने स्तर पर रिस्क फंड तय करते थे। सबसे ज्यादा रकम सीआरपीएफ ने दी, जबकि कुछ बल रिस्क फंड से 40-50 फीसदी कम शहीद जवानों के परिवार के सदस्यों को दे रही थे। अब सभी सीएपीएफ के लिए इसे 35 लाख रुपये कर दिया गया है।
इससे पहले, सभी अर्धसैनिक बलों में जोखिम निधि की राशि अलग-अलग थी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में महानिदेशक द्वारा इस जोखिम कोष को 21.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया था। इसी तरह, सीआईएसएफ जो ज्यादातर हवाई अड्डों पर तैनात है, के पास शहीदों के परिवारों के लिए जोखिम कोष के रूप में 15 लाख रुपये थे। भारत-चीन सीमा की रक्षा करने वाली भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पास कार्रवाई में मारे गए जवानों के लिए 25 लाख रुपये थे।
