
मकर संक्राति अगले महीने है, इसकी वजह से पतंगबाजी का माहौल बनता जा रहा है। लेकिन जरा सी लापरवाही हादसे को जन्म दे सकती है। भोपाल शहर के कान्हा सैया इलाके में पतंग लूट रहा 10 साल का बच्चा 25 फीट ऊंची छत से गिर गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। छत की बाउंड्र्रीवॉल मात्र एक फीट ऊंची थी।
परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों का कहना है कि बच्चे का डॉक्टर ने समय से इलाज शुरू नहीं किया। परिवार ने कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम कर दिया।
बरखेड़ा पठानी, गोविंदपुरा में रहने वाले दिनेश रंगीले का 10 साल का इकलौता बेटा पुष्पेंद्र उर्फ प्रिंस दूसरी कक्षा में पढ़ता था। 20 दिसंबर को वह अपनी दादी गुलाब बाई के साथ कान्हा सैया में रहने वाले ताउजी धनराज के घर गया हुआ था। मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे नाश्ता करने के बाद वह छत पर चला गया। वहां पतंग को लूटने के चक्कर में वह छत की मुंडेर को लांघते हुए नीचे गिर गया। गंभीर हालत में परिजन उसे आनंद नगर के नागपुर अस्पताल में लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया। बुधवार सुबह साढ़े 6 बजे उसकी मौत हो गई।
पुष्पेंद्र के ताउ धनराज ने बताया कि उनके मकान की छत की बाउंड्रीवाल करीब एक फीट ही ऊंची है, इसलिए वह अपने बच्चों को छत पर नहीं जाने देते। पुष्पेंद्र दो दिन पहले ही उनके घर आया था। वह किसी को बिना बताए छत पर चला गया। इसी दौरान पतंग को लूटने की कोशिश करते हुए वह नीचे गिर गया। छत से गिरने के बाद ग्राउंड फ्लोर के टीन शेड पर गिरा। इसके बाद वह सड़क पर आ गया।
धनराज ने बताया कि इलाज में डॉक्टरों ने लापरवाही बरती। अस्पताल प्रबंधन ने ऑपरेशन के लिए 20 हजार रुपए जमा करा लिए। इसके बाद भी पांच घंटे तक बच्चे का ऑपरेशन नहीं किया गया। बाद में बाहर से डॉक्टर से बुलाकर ऑपरेशन किया गया। बच्चे की मौत की पुष्टि करने से करीब पांच मिनट पहले तक डॉक्टर परिजनों से दवा मंगाते रहे।