
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि 5 जनवरी के बाद उत्तर प्रदेश में चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया जाएगा। लखनऊ के योजना भवन में आज पत्रकारों से बात से करते मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर कई राजनैतिक दलों के नेताओं से बात की। सभी दल चाहते हैं कि यूपी में विधानसभा के चुनाव तय समय पर हों। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि कुछ राजनैतिकदल रैलियों में सीमित संख्या के पक्ष में हैं।
नये मतदाताओं को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 52.8 फीसदी नये मतदाता जुड़े हैं। महिला मतदाताओं की संख्या पुरूषों की तुलना में 5 लाख अधिक है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर से वोट देने की सुविधा भी मिलेगी।
राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकों के बाद गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था कि विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों से बात की । सभी राजनीतिक दल समय से चुनाव चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में मतदाताओं की संख्या करीब 15 करोड़ से ज्यादा है। 5 जनवरी को फाइनल वोटर लिस्ट आ जायेगी। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की समस्याओं का तत्काल निस्तारण होगा। घनी आबादी में मतदाता बूथ नहीं बनाने का सुझाव मिला है।उन्होंने बताया कि इस चुनाव में ईसीआई डोर स्टेप सुविधा भी मिलेगी। नई लिस्ट आने के बाद भी नये नाम जोड़े जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि महिला मतदाताओं की सुरक्षा पर भी बात हुई। उन्होंने बताया कि बैठकों में कोरोना प्रोटोकॉल की भी जानकारी दी गई। चुनाव आयोग ने बताया कि हर क्षेत्र में आदर्श बूथ भी होंगे।
उन्होंने बताया कि 800 पोलिंग बूथ में सिर्फ महिला कर्मचारी ही होंगीं। 400 मॉडल पोलिंग बूथ बनाये जायेंगे। अन्य आईडी कार्ड में भी वोट डालने की सुविधा होगी। चुनाव में किसी भी गड़बड़ी को भी रोकने पर चर्चा हुई। सभी बूथ पर ईवीएम लगायी जायेगी।