
कोरोना महामारी के बीच 5 राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे इन राज्यों में स्थिति खतरनाक हो रही है। यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में एक्टिव केस की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। हालांकि चुनाव आयोग ने रैलियों को लेकर सख्त पाबंदियां लगाई हैं, लेकिन संक्रमण का फैलाव होता जा रहा है।
यूपी में विधानसभा चुनावों के बीच एक्टिव केस में तेजी से उछाल देखने को मिला है। पिछले एक हफ्ते में एक्टिव केस 20 गुना तक बढ़े हैं। 2 जनवरी को कोरोना के एक्टिव केस 1725 थे, जबकि 10 जनवरी को यह बढ़कर 33,946 हो गए। हालांकि, संक्रमण दर में कमी थोड़ा सुकून देनी वाली है। राज्य में यह दर4.13 फीसदी ही है। मगर चिंता की बात वैक्सीनेशन की रफ्तार को लेकर है। राज्य में अभी तक सिर्फ 53 फीसदी आबादी को ही दोनों डोज लगी है।
पंजाब में भी कोरोना के एक्टिव केस में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले सात दिनों में यहां एक्टिव केस में 14 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चु़की है। राज्य में दो जनवरी को 1369 एक्टिव केस थे। 10 जनवरी को यह संख्या बढ़कर 19,379 हो गई। इस दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट पर जाने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। शुरुआत में 33 लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, जबकि अब यह संख्या 254 हो गई है। कोरोना के दस मरीज वेंटिलेटर पर भी हैं। संक्रमण दर में भी तेजी से इजाफा हुआ है।राज्य की स्थित इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि यहां दोनों टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या देश में सबसे कम है।
गोवा में कोरोना संक्रमण दर चिंताजनक स्तर से भी काफी ज्यादा है। इस कारण राज्य में संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राज्य में अभी संक्रमण दर27.38 फीसदी है। राष्ट्रीय औसत से ज्यादा वैक्सीनेशन से होने से राज्य में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या अभी भी कम है। पांच चुनावी राज्यों में गोवा पूर्णटीकाकरण के मामले में सबसे आगे है। यहां अब तक 96 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की दोनों डोज लग चुकी है।
उत्तराखंड में भी कोरोना के एक्टिव केसों में तेजी जारी है। एक हफ्ते में ही यहां एक्टिव केस में 10 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 2 जनवरी को एक्टिव केस 506 थे, जो 10 जनवरी को बढ़कर 5009 हो गए। यह स्थिति तब है, जब राज्य में 85 फीसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है। राज्य कीसंक्रमण दर7.57 फीसदी है।
मणिपुर में उक्त चार राज्यों के मुकाबले कोरोना फिलहाल काबू में हैं। कम वैक्सीनेशन के बावजूद यहां संक्रमण दर सिर्फ 4.14 फीसदी है। वहीं एक्टिव केस की संख्या में भी एक हफ्ते में मात्र दो गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली है। दो जनवरी को राज्य में मात्र 215 एक्टिव केस थे, जो 10 जनवरी को 438 हो गए हैं। पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बड़ी चुनौती बनी हुई है। मास्क और वेंटिलेशन को लेकर भी जागरुकता नहीं है। साथ ही सीक्वेंसिंग और जांच की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव इन राज्यों में भी कोरोना का सुपर स्प्रेडर इवेंट साबित हो सकता है। पिछले बंगाल में विधानसभा चुनाव के समय ऐसे हालात देखे जा चुके हैं।