अलवर में मूकबधिर नाबालिग से गैगरेप की घटना में नया मोड़ा आ गया है। पुलिस ने बच्ची से रेप होने से ही इनकार किया है। अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने मीडिया को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। वैसे घटना के 3 दिन बाद भी पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है।
इसबीच एक सीसीटीवी फुटेज में 11 जनवरी को शाम 7 बजकर 30 मिनट पर पीड़ित बच्ची शॉल ओढ़कर पुलिया से निकलती दिख रही है, जबकि 7 बजकर 45 मिनट के आसपास नाबालिग 200 मीटर दूर लहूलुहान हालत में मिली थी। इस बीच में एक बस उसी जगह पर रुकी थी, लेकिन उस बस से पहले बच्ची पुलिया पर नजर आती है। घटना के 3 दिन बाद भी पुलिस इस गुत्थी को नहीं सुलझा पाई है कि 15 मिनट में 200 मीटर की दूरी पर ही बच्ची के साथ क्या हो गया?
पुलिस को ट्रांसपोर्ट नगर में भी बच्ची के पैदल जाते हुए सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। नाबालिग ट्रांसपोर्ट नगर से तिजारा फाटक पुलिया की तरफ आई है। ऐसे में पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि हो सकता है कि बच्ची से गैंगरेप कहीं और हुआ हो।
इस पूरे मामले में पुलिस अब तक अलग-अलग जगह से मिले सीसीटीवी फुटेज की कड़ियों को आपस में नहीं जोड़ पा रही है। नाबालिग कई जगहों पर पैदल चलती नजर आई है। पुलिया पर आने से पहले की कोई कड़ी नहीं जुड़ पा रही है। इस कारण पुलिस नाबालिग के आगे-पीछे वाले वाहनों को भी ट्रेस करने में लगी है। जयपुर रेंज आईजी संजय क्षोत्रिय ने कहा कि पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
मामले में अलवर कलक्टर का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि नाबालिग से रेप या गैंगरेप हुआ है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। मेडिकल रिपोर्ट के आने के बाद ही कुछ भी कहना संभव होगा।
