दक्षिण अफ्रीका के हाथों टेस्ट सीरीज़ हारने के बाद विराट कोहली ने अपने इस फैसले से हर किसी को हैरान किया है, लेकिन इस बार बीसीसीआई ने पहले की तरह विराट को रोकने की कोशिश नहीं की है।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के शहर कोलकाता से प्रकाशित एक अंग्रेज़ी अखबार में विराट को लेकर, एक प्रकार से, बोर्ड का पक्ष रखा गया है। अखबार के अनुसार विराट कोहली ने जब बीसीसीआई को अपने फैसले के बारे में बताया, तब बोर्ड ने इसे स्वीकार कर लिया और फैसले पर विचार करने की कोई अपील नहीं की। अखबार की रिपोर्ट में बताया गया कि शनिवार दोपहर एक बजे विराट कोहली ने गांगुली, बोर्ड सचिव जय शाह को अपने फैसले की जानकारी दी। बीसीसीआई ने इसलिए ऐसी पहल नहीं की, क्योंकि विराट पहले ही अपना मन बना चुके थे।
कोहली ने शनिवार की शाम को ही ट्विटर पर कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था। यानी बोर्ड को कुछ घंटे पहले ही इसके बारे में पता लगा था। कोहली ने केपटाउन टेस्ट खत्म होने के बाद पहले राहुल द्रविड़ और टीम के अन्य सदस्यों को अपने फैसले की जानकारी दी, जिसके बाद वह अपने होटल आ गए थे। माना जा रहा है कि विराट कोहली पहले ही मन बना चुके थे कि वह सीरीज़ के बाद ये फैसला ले लेंगे।
अखबार में यह भी जोर देकर बताया गया कि विराट कोहली कभी भी ड्रेसिंग रूम में पॉपुलर नहीं रहे, रवि शास्त्री की विदाई के बाद उनकी ताकत भी बतौर कप्तान कम हुई थी। ऐसे में पहले टी-20, फिर वनडे की कप्तानी जाने से विराट कमजोर हुए। पिछले दो साल उनके बल्ले से रन भी नहीं आ रहे थे। यही वजह रही कि सबकुछ विराट कोहली के लिए मुश्किल ही पैदा कर रहा था। इस जानकारी से साफ है कि टीम के अंदरूनी घटनाक्रम के बारे में अखबार को बोर्ड के ही किसी शख्स से इतना सबकुछ पता चला है।
विराट कोहली ने टी-20 की कप्तानी भी इसी तरह छोड़ी थी, जब टी-20 वर्ल्डकप से ठीक पहले विराट कोहली ने इसका ट्विटर पर ऐलान किया था। तब सौरव गांगुली ने बयान दिया था कि उन्होंने खुद विराट कोहली से ऐसा नहीं करने के लिए कहा था। चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने भी कहा था कि हमने विराट को टी-20 वर्ल्डकप तक रुकने के लिए कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
