धार जिले के कोणदा गांव में दो जुड़वां बेटियों का जन्म होने पर परिवार बहुत खुश हुआ। परिजन दोनों बच्चियों और मां को सजे हुए रथ में बैठाकर घर लाए। इतना ही नहीं, रथ को ढोल-नगाड़ों के साथ दो घंटे तक पूरे नगर में घुमाया गया। बच्चियों के दादा-पिता और परिवार के बाकी लोग रथ के सामने नाचते-झूमते चले।
कोणंदा में रहने वाले मयूर भायल की पत्नी अपने पिता के घर दोगांवा गांव गई थी। उसने यहां बीते साल 11 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन दो जुड़वां बेटियों ने जन्म दिया। परिवार की सहमति से दोनों बच्चियों का नाम रिद्धि और सिद्धि रखा गया। चार महीने बाद शनिवार को बेटियों के साथ बहू अपने ससुराल वापस आई। ससुराल के लोगों ने नाना के घर से बेटियों को दादा के घर लाने के लिए धूमधाम से इंतजाम किया। गांव में माता मंदिर से डीजे और ढोल बाजे के साथ ग्रामीणों ने रिद्धि-सिद्धि का बड़े ही प्यार के साथ स्वागत किया। शनिवार सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक बेटियों का स्वागत किया गया। फिर जुलूस निकाला गया, जिसे दो किलोमीटर की दूरी तय करने में दो घंटे लग गए।
परिवार के मुखिया और बच्चियों के दादा जगदीश भायल की सोच की गांव के लोगों ने भी प्रशंसा की। डेढ़ साल पहले जगदीश ने अपने बेटे की शादी भी धूमधाम से की थी। गणेश चतुर्थी पर बहु ने दो प्यारी बेटियों को जन्म दिया था। बच्ची के पिता मयूर भायल की कुक्षी में कपड़ों की दुकान है। दादा जगदीश भायल की 6 बीघा खेती है।
