मध्यप्रदेश में रतलाम जिले के छोटे से गांव रत्तागढ़ खेड़ा में बदला लेने की एक लोमहर्षक घटना का पता चला है। यहां 4 जनवरी को एक किसान द्वारा खेत पर सिंचाई के लिए ट्यूबवेल का बटन दबाते ही धमाके से उसके चीथड़े उड़ गए। विस्फोट की आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। आसपास के लोग मौके पर पहुंचते तो उन्हें हर तरफ शरीर के अंग बिखरे पड़े मिले।
इस हत्या की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि एक साल पहले हुए गैंगरेप के बदले में इस घटना को अंजाम दिया गया। गांव के दबंग भंवरलाल पाटीदार (54), लालसिंह खतीजा (35) और दिनेश (37) ने सालभर पहले गांव के ही सुरेश लोढा (32) की पत्नी से गैंगरेप किया। सुरेश ने पत्नी को बचाने की कोशिश की तो तीनों ने उसे धमकाया। बोले- एफआईआर की तो मार डालेंगे।
सुरेश बदले की आग में जलने लगा और पुलिस के पास नहीं गया। आंखों के सामने पत्नी की अस्मत लुटते देखने के बाद उसने कसम खाई थी कि किसी को नहीं छोड़ेगा। अंदर ही अंदर बदले की आग में जलता रहा। वह छह महीने तक तो चुप रहा और आरोपियों के बेपरवाह होने का इंतजार करने लगा। इसबीच, टीवी पर देखा कि डेटोनेटर और जिलेटिन छड़ का उपयोग करके नक्सली जवानों पर हमला करते हैं, इससे शरीर के चीथड़े तक उड़ जाते हैं।
रतलाम में डेटोनेटर और जिलेटिन आसानी से मिल जाते हैं। स्थानीय लोग कुएं बनाने से लेकर मछली मारने में उपयोग करते हैं। सुरेश को इनका उपयोग आता था। उसने गांव सिमलावदा के बद्री पाटीदार से जिलेटिन छड़ें और डेटोनेटर खरीदे। उसने सबसे पहले भंवरलाल को विस्फोट से उड़ाने का प्रयास किया। उसके खेत के ट्यूबवेल के स्टार्टर से डेटोनेटर और जिलेटिन को सेट कर दिया, लेकिन जिलेटिन की छड़ें कम थीं। इससे हल्का विस्फोट हुआ और भंवरलाल बच गया।
सुरेश चुप होकर अगले मौके का इंतजार करने लगा। छह महीने बाद लाल सिंह को निशाना बनाना तय किया। लाल सिंह सिंचाई के लिए जाता था। उसने भंवरलाल जैसा ही प्लान तैयार किया। इस बार जिलेटिन की 14 छड़ें विस्फोट के लिए लगाईं। लाल सिंह ने जैसे ही स्टार्टर का बटन दबाया तो धमाके से उसे चीथड़े उड़ गए।
रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि गांव के भंवरलाल के साथ भी इसी तरह की घटना हुई थी। यह बात साफ हो गई कि यह हादसा नहीं हत्या है। पता चला कि गांव का सुरेश लोढ़ा घटना के दिन से ही परिवार के साथ गायब है। जानकारी जुटाने पर सुरेश के सांवलिया जी दर्शन करने जाने की सूचना मिली। 6 जनवरी को मंदसौर के पास उसे पकड़ा तो वारदात कबूल ली।
भंवरलाल को किस्मत का सहारा मिल गया तो दिनेश की जान सुरेश के पकड़े जाने पर बच गई। हालांकि, सुरेश की पत्नी से पूर्व में किए गए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में णंवर और दिनेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
