बाड़मेर जिले के एक गांव में पोता-पोती की जिद पर दादा ने गुलाल से 5 घंटे में 10 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा तिरंगा तैयार किया। 26 जनवरी को भारत-पाक बॉर्डर से महज 13 किमी दूर किसान ने रेतीले धोरों पर देशभक्ति की यह नजीर पेश की है। किसान जिले के बावड़ी गांव का रहने वाला है।
आर्मी डे के दिन जैसलमेर में फहराए गए विशाल तिरंगे को देखकर किसान धीराराम नेहरा के पोता-पोती गीता (12) व दीपक (9) ने भी जिद की। दोनों बच्चों ने दादा से कहा- 26 जनवरी को देश का तिरंगा बनाते हैं। बच्चों की जिद पर दादा ने बाजार से करीब 10 किलो तिरंगे रंग की अलग-अलग गुलाल मंगवाई और 5 घंटे में रेत के टीले पर तिरंगा उकेर दिया।
किसान धीराराम नेहरा बताते हैं कि मेरा गांव भारत-पाक सीमा के नजदीक है। मैंने टीवी व अखबारों में देखा कि जैसलमेर में आर्मी-डे के दिन बॉर्डर के पास विशाल तिरंगा लगाया गया था। बच्चे भी बोल रहे थे कि तिरंगा बनाओ। तभी मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों न रेत के टीले पर गुलाल से तिरंगा बनाया जाए।
