
मुंबई के हेल्थ-टेक स्टार्टअप कंपनी ‘हेस्टेक एनालिटिक्स’ ने अपनी तरह का पहला जीन टेस्ट विकसित किया है, जो सार्वभौमिक संक्रामक बीमारियों की पहचान करने में कारगर साबित होगा। कंपनी को इस काम में विज्ञान एवं तकनीकी विभाग सहित कई निजी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों की मदद मिली है। संक्रमण की पहचान करने के लिए विकसित तकनीक में नेक्सट जनरेशन सीक्वेंसिंग (एनजीएस) तकनीक और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) को इस्तेमाल किया गया है। इसके जरिए दवा प्रतिरोध की जानकारी भी मिल सकेगी और इस तरह रोगी के लिए सही उपचार का विकल्प मिलेगा।
कंपनी का कहना है कि इसके लिए तीन महीने तक चरणबद्ध तरीके से सार्वभौमिक संक्रामक बीमारियों की जांच की जाएगी। शुरुआत में इसका इस्तेमाल गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) के रोगियों में सेप्सिट की पहचान करने के लिए किया जाएगा।फिर धीरे धीरे अंजान कारणों से होने वाले बुखार की जांच के लिए भी यह उपलब्ध रहेगा। इसके इस्तेमाल का फायदा यह होगा कि कई परीक्षणों को करने की ज़रूरत नहीं रहेगी। कोविड महामारी के बाद से ही ऐसी किसी जांच की ज़रूरत महसूस की जा रही है, जिससे सही रोग मालूम चल सके और उसके इलाज के लिए उचित दवाओं का प्रयोग किया जा सके।अब इस जांच का परिणाम जल्दी मिल सकेगा और यह व्यापक स्तर पर लगभग सभी बैक्टीरिया और फंगल रोगाणुओं की पहचान कर पाएगी।