मुंबई की ग्लेनमार्क कंपनी ने कोरोना रोगियों के इलाज के लिए नेजल स्प्रे को लॉन्च कर दिया है। इसे कनाडा की दवा कंपनी सैनोटाइज के सहयोग से बनाया गया है। नाइट्रिक ऑक्साइड वाली इस दवा को फेबीस्प्रे नाम दिया है। इसके इस्तेमाल के बाद 24 घंटों में वायरल लोड में 94 फीसदी की कमी और 48 घंटों में 99 फीसदी की कमी सामने आई।
भारत में फेज 3 टेस्ट को पूरा किया। डीसीजीआई ने ग्लेनमार्क इसके इमरजेंसी यूज के साथ प्रोडक्शन और मार्केटिंग की मंजूरी दे दी है। कंपनी का दावा है कि जब नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल को नाक के म्यूकस पर छिड़का जाता है, तो वह इसके खिलाफ एक फिजिकली और कैमिकली बैरियर बनाती है। इससे वायरस को फेफड़ों में फैलने से रोका जाता है। फेबीस्प्रे कोरोना के हाई रिस्क वाले पेशेंट में 2 मिनट के भीतर अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और एप्सिलॉन वैरिएंट के साथ सार्स-कोव-2 वायरस को 99.9 फीसदी मारने में कारगर है।
फेबीस्प्रे को भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, हॉन्ग कॉन्ग, ताइवान, नेपाल, ब्रूनेई, कम्बोडिया, लाओस, म्यांमार, श्रीलंका, वियतनाम में भी सप्लाय किया जा रहा है। ग्लेनमार्क के चीफ कमर्शियल ऑफिसर रॉबर्ट क्रॉकर्ट ने कहा कि देश की लीडिंग फार्मास्युटिकल कंपनी होने के कारण यह महत्वपूर्ण है कि हम कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई का एक अभिन्न अंग बने रहें। क्लिनिकल ट्रायल्स के रिजल्ट पर कंपनी की क्लिनिकल डेवलपमेंट प्रमुख डॉ. मोनिका टंडन ने कहा कि फेज 3, डबल ब्लाइंड, प्लेसीबो कंट्रोल ट्रायल के रिजल्ट उत्साहवर्धक रहे हैं।
