कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई कर रहे जस्टिस कृष्णा दीक्षित की एकल पीठ ने इस मामले को एक बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि वो किसी की भावना से नहीं, बल्कि कानून से चलते हैं। इस मामले में हाई कोर्ट ने कुरान की एक कॉपी भी मँगवाई और उसी आधार पर सुनवाई शुरू की। आज दूसरे दिन सुनवाई के दौरान जस्टिस दीक्षित ने कहा, मुझे लगता है कि इस मामले को बड़े बेंच के पास भेजने की आवश्यकता है। इस मामले में दूसरे राज्यों के हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों को भी पढ़ने की आवश्यकता है।
इसबीच, राज्य की पुलिस ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार बेंगलुरु में स्कूल, प्रि-यूनिवर्सिटी कॉलेज, डिग्री कॉलेज या अन्य शैक्षणिक संस्थानों के गेट के 200 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के जमावड़े या विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी। यह गाइडलाइन तत्काल प्रभाव से दो हफ्तों तक लागू रहेगी।
इधर, मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के हिजाब पर बैन लगाने का बयान देने से विवाद छिड़ गया है। उनके बयान का बुधवार को अनूठा विरोध देखने को मिला। मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब और बुर्का पहनकर फुटबॉल और क्रिकेट मैच खेला। उनका खेल देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। लड़कियों ने कहा, हिजाब और नकाब में हम कंफर्टेबल हैं। हिजाब हमारा अधिकार औऱ पहचान है। फिर लोगों को इससे दिक्कत क्यों हो रही है? मैच में कमेंट्री के दौरान कर्नाटक में हिजाब पर चल रहे विवाद की भी जानकारी दी गई। ये मैच भोपाल में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज में खेला गया।
इधर, उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में हिजाब विवाद राजनीतिक व सामाजिक मुद्दा बन रहा है। सोशल मीडिया पर लोग कमेंट कर रहे हैं कुछ लोगों का कहना है कि हिजाब व्यक्तिगत आजादी का विषय है, तो तमाम लोगों का यह भी मानना है कि शिक्षण संस्थान में एक जैसी ड्रेस होना अनिवार्य है, इससे देश में एकता और एकरूपता का संदेश जाता है।

