उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में लखीमपुर केस में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष को जमानत मिल गई है। इससे पहले पंजाब चुनाव से पहले सच्चा डेरा प्रमुख राम रहीम को फरलो पर 21 दिन के लिए जेल से बाहर किया गया है। इन दोनों घटनाक्रम को चुनावी जंग में उतरे दलों के नफा-नुकसान से जोड़कर देखा जा रहा है।
आशीष मिश्रा को यूपी हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दी है। उसपर किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। आशीष को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। वह तब से ही जेल में ही था। लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर को दोपहर करीब तीन बजे किसान भारी मात्रा में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदती चली गईं। घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं। यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई थी।
उधर, पंजाब चुनाव से पहले जेल से 21 दिन के फरलो पर छूटे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इस समय गुड़गांव के सेक्टर 50 के अपने डेरा सच्चा घर में मौजूद है। सूत्रों की मानें तो डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी बाबा के लगातार टच में है, जो अगले 48 घंटे में रिपोर्ट सौंप सकती है। इसके बाद संगत, यानी अनुयायियों को यह निर्देश जारी किया जाएगा कि चुनाव को लेकर बाबा का इशारा किस पार्टी की ओर है। डेरे का पंजाब के मालवा रीजन की करीब 69 सीटों पर प्रभाव है।
यूपी में चुनाव के पहले चरण का मतदान आज हो रहा है। वहीं, पंजाब में 10 दिन बाद मतदान होना है। इसी के चलते डेरे में गहमागहमी बढ़ी हुई है। लाखों अनुयायियों वाला डेरा चुनाव में बड़ा उलटफेर करने की हैसियत रखता है। पिछले चुनाव में भी अंतिम समय पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था और अकाली-भाजपा गठबंधन को लाभ हुआ था। उस समय आम आदमी पार्टी यह सोच कर चल रही थी कि मालवा में उसे अच्छी बढ़त मिलेगी, लेकिन अंत में आम आदमी पार्टी का गणित गड़बड़ा गया और पंजाब में कांग्रेस सत्ता के सिंहासन तक पहुंच गई।
