कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने ग्लैक्सो स्मिथकिन (जीएसके) कन्ज्यूमर हैल्थकेयर लिमिटेड को भारत में सेंसोडाइन उत्पादों का विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया है। सीसीपीए के अनुसार इस कंपनी के विज्ञापन को दूसरे देशों के डेंटिस्ट एंडोर्स करते हैं। अथॉरिटी ने अनुचित व्यापार तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए नाप-तौल ऑनलाइन शॉपिंग लिमिटेड के खिलाफ भी आदेश पारित किया है।
सीसीपीए ने इन मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए फैसला सुनाया है। उसने अपने आदेश में जीएसके को सात दिन के भीतर देशभर में सभी विज्ञापनों को हटाने को कहा है। सेंसोडाइन टूथपेस्ट के विज्ञापन को कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 की धारा 2 (28) के तहत ‘भ्रामक विज्ञापन’ माना गया है। सीसीपीए ने इसके साथ ही डायरेक्टर जनरल (इंवेस्टिगेशन) को ‘रेकमेंडेड बाय डेंटिस्ट वर्ल्डवाइड’, ‘दुनिया का नंबर 1 सेंसिटिविटी टूथपेस्ट’ जैसे दावों की 15 दिन में जांच करने का निर्देश दिया है।
इस मामले में जीएसके हैल्थकेयर के प्रवक्ता ने कहा, हम सीसीपीए का ऑर्डर प्राप्त होने की पुष्टि करते हैं। हम पूरे विवरण को देख रहे हैं, ऐसे में हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि मार्केटिंग से जुड़ी हमारी पहल संबंधित कानूनों और इंडस्ट्री के गाइडलाइंस के अनुरूप है। हम नियमों को मानने वाली एक जिम्मेदार कंपनी हैं, जो कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
सीसीपीए ने नाप-तौल ऑनलाइन शॉपिंग लिमिटेड के खिलाफ भी पारित आदेश में कंपनी से ‘सेट ऑफ 2 गोल्ड ज्वेलरी’, ‘मैगनेटिक नी स्पोर्ट’ और ‘एक्युप्रेशर योगा स्लीपर्स’ के विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए उन्हें बंद करने को कहा है।
