
यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी शुरू कर दी गई है। उन्हें अभी रोमानिया के रास्ते लाया जा रहा है। एक तस्वीर में कुछ भारतीय छात्र वतन वापसी पर खुश दिखाई दे रहे हैं। इसबीच, केंद्र सरकार ने यूक्रेन फ्लाइट्स भेजने का फैसला किया है। भारतीयों की वापसी का खर्च भारत सरकार ही उठाएगी। एक न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत सरकार यूक्रेन में भारतीयों के लिए निकासी उड़ानों का आयोजन कर रही है।
सूत्रों के अनुसार यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एयर इंडिया की 2 फ्लाइट आज रात रवाना होंगी। ये बुखारेस्ट, रोमानिया के रास्ते भारतीयों को वापस लाएंगी। इसबीच, भारतीयों को पोलैंड सीमा पर भी भेजने की खबर है।
हंगरी की राजधानी बुडापेस्टब स्थित भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए एडवाइज़री जारी की है।दूतावास ने बताया है कि भारत सरकार और रोमानिया और हंगरी के दूतावास निकासी स्थानतय करने में जुटे हैं।दूतावास की टीम हंगरी के सीमाई इलाके चोप-जाहोनी और रोमानिया के सीमांत क्षेत्र पोरुब्ने-सिरेटपर तैयारियां कर रही हैं। भारतीय नागरिक, और विशेष रूप से छात्रों को व्यमवस्थित तरीके से इन निकासी स्थानोंपर पहुंचने का सुझाव दिया गया है। रूट ऑपरेशनल होने के बादअपने वाहनों से ट्रैवल कर रहे भारतीयों को बॉडर्र चेक-प्वाऑइंट पर पहुंचने के लिए निर्देश दिए जाएंगे। बाकी लोगों को हेल्पयलाइन नंबर की मदद से निर्देशित किया जाएगा। छात्रों को अपने कॉन्ट्रै क्टकर से संपर्क करने की सलाह दी गई है, ताकि उन्हेंि एक साथ निकासी स्थान तक पहुंचाया जा सके।
इससे पहले गुरुवार की रात भारतीय छात्र यूक्रेन में मेट्रो स्टेशन, हॉस्टलों के बंकरों और अपने फ्लैट्स में छिपे रहे। यहां सुरक्षा में तैनात मार्शल उनके मोबाइल से यूक्रेन पर हमले से संबंधित फोटो और वीडियो डिलीट करा रहे थे। बंकर में छिपे छात्र हनुमान चालीसा का पाठ करते भी नजर आए।
इसबीच, यूक्रेन में एमबीबीएससेकंड ईयर की छात्रा देहरादून की नमिता धीमान नेजानकारी दी कि उन्हें पोलैंड सीमा से इंडिया भेजने की तैयारी की जा रही है। यूक्रेन मेंराजस्थान केभी कई छात्र फंसे हुए है। बचने के लिए वह आस-पास के बंकर तलाश रहे हैं। कई छात्रों को हॉस्टल, होटल और फ्लैट के बंकर में शिफ्ट किया गया। यहां वे मार्शल (यूक्रेन सैनिक) की निगरानी में हैं। इन बंकर में फंसे बीकानेर, नागौर और कोटा के छात्रों ने वहां के हालात बताए कि वे बंकर में दुबके हैं और उनके रुपए से लेकर खाने-पीने की चीजें खत्म हो चुकी हैं।
