
यूक्रेन पर हमले के शुक्रवार को दूसरा दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक्शन की दुनियाभर में निंदा हो रही है। अमरीका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, हंगरी, फ्रांस, जापान औऱ स्विटजरलैंड में लोग रूसी हमले के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। भारत में भी आज रूसी दूतावास के बाहर प्रदर्शन हुआ। ये प्रदर्शन यूक्रेन में फंसे भारतीयों के परिजनों ने किया। उन्होंने रूस से जंग खत्म करने का अपील की।
चौंकाने वाली बात ये है कि पुतिन के खिलाफ उनके अपने देश में भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। रूस की बड़ी हस्तियों, पत्रकारों का कहना है कि इस युद्ध की शुरूआत कर रूस ने खुद को दुनिया से अलग-थलग कर लिया है।एक न्यूज एजेंसी के अनुसार पुतिन के खिलाफ रूस के 54 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें 1,700 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जैसे ही यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान हुआ, वैसे ही रूस में सोशल मीडिया पर इसका विरोध भी शुरू हो गया था। गुरुवार सुबह से ही सैकड़ों पोस्ट में लोग हमले कीआलोचना कर रहे हैं। रूसी लोग इसे 1979 में अफगानिस्तान में सोवियत के हमले के बाद अब तक का सबसे बड़ा हमला बता रहे हैं। हमले को रोकने के लिए रूसी नागरिक राष्ट्रपति को खुला पत्र लिख रहे हैं।साथ ही ऑनलाइन पिटीशन पर भी साइन कर रहे हैं। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे हमला न बताकर सैन्य कार्रवाई का नाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्वी यूक्रेन के लोगों को ‘नरसंहार’ से बचाने के लिए हमला किया जा रहा है।