
जैसलमेर के सबसे बड़े जवाहिर अस्पताल में पिछले करीब 2 सालों से पोस्टमार्टम करने वाला कर्मचारी नहीं होने से शवों के पोस्टमार्टम के लिए लोगों को काफी परेशानी हो रही है। दुर्घटनाओं आदि में मौत के बाद मृतक के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए एक निजी आदमी को बुलाकर1 हजार से 2 हजार रुपए देकर पोस्टमार्टम करवाना पड़ता है।
जवाहिर अस्पताल के प्रिन्सिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ वी के वर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में काम कर रहा स्टाफ करीब 2 साल पहले रिटायर हो गया। उसके बाद से उसकी जगह कोई भर्ती नहीं हुई। हमने विभाग को कई पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत करवाया है मगर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में हमने निजी व्यक्ति की सेवाएं ले रहे हैं।उसको हम पैसा देकर पोस्टमार्टम करवा रहे हैं। आमतौर पर उन शवों का ही पोस्टमार्टम करवाया जाता है, जिनकी मौत दुर्घटना या संदिग्ध परिस्थितियों में होती है। उस पर पहले से परेशान परिजनों पर पोस्टमार्टम के बाद दो हजार रूपए देने का दबाव बनाया जाता है। जिससे अधिकांश परिजन पोस्टमार्टम नहीं करवाते हैं।