आईपीएल के 15वें सीजन का आगाज हो चुका है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में इस बार भी एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। आईपीएल नीलामी में मोटी रकम में बिकने के बाद टूर्नामेंट से पीछे हटने वाले विदेशी क्रिकेटरों की संख्या पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर बिना किसी उचित कारण के आईपीएल से खिलाड़ियों को बाहर होने से रोकने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) एक पॉलिसी बनाने पर काम कर रहा है। आईपीएल 2022 से कुछ खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद कुछ फ्रेंचाइजियों ने बोर्ड से अपनी चिंताएं जाहिर की थीं।
हाल ही में आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इस बारे में चर्चा हुई थी। बहस हुई कि जब नीलामी में खिलाड़ियों को छोटी रकम मिलती हैं, तब उनमें टूर्नामेंट से बाहर होने का ट्रेंड देखा गया है। टीमों के मालिक काफी प्लानिंग के बाद एक खिलाड़ी के लिए बोली लगाते हैं, ऐसे में अगर कोई खिलाड़ी छोटे-छोटे कारणों से नाम वापस ले लेता है तो उनका गणित बिगड़ जाता है।
आमतौर पर चोटिल खिलाड़ी या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने के लिए खिलाड़ी आईपीएल से हटने का फैसला लेते हैं, लेकिन हाल ही में खिलाड़ी अन्य कारणों से भी टूर्नामेंट से बाहर हुए हैं। ऐसे में बीसीसीआई बिना ठोस वजह आईपीएल छोड़ने वाले खिलाड़ियों पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार एक पॉलिसी तैयारी की जा रही है, जिसके तहत जिसने भी आईपीएल से नाम वापस लिया है उन्हें कुछ सालों के लिए टूर्नामेंट में खेलने पर रोक लगाई जाएगी। यह फैसला केस दर केस रहेगा और कार्रवाई करने से पहले जांच की जाएगी कि कहीं वजह जायज तो नहीं है।
ज्ञात हो कि इंग्लैंड और गुजरात टाइटंस के खिलाड़ी जेसन रॉय ने एक बयान में कहा था कि वह परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं, इसलिए आईपीएल से नाम वापस ले रहे हैं। गुजरात ने उन्हें उनके बेस प्राइस दो करोड़ रुपये में खरीदा था। वहीं एलेक्स हेल्स, जिन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा उनके बेस प्राइस 1.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया था, ने कहा था कि उन्हें खुद को रिचार्ज करने के लिए समय चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने भी कई बार ऐसा किया है।
