उदयपुर में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को पुलिस ने रविवार को डबोक एयरपोर्ट पर रोक लिया। दोनों नेता जितेंद्र मेघवाल हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर पाली जा रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस अफसर एयरपोर्ट पहुंचे। सुबह 9 बजे चंद्रशेखर और जयंत को पुलिस ने एयरपोर्ट पर रोक लिया। 6 घंटे बाद दोपहर 3 बजे जितेंद्र के घरवालों से मुलाकात के बाद चंद्रशेखर और जयंत दिल्ली लौट गए।
जितेंद्र के घरवालों को चंद्रशेखर और जयंत ने हमेशा मदद करने का आश्वासन दिया। पाली में धारा -144 लागू होने के कारण पुलिस ने चंद्रशेखर और जयंत को नहीं जाने दिया। एयरपोर्ट पर चंद्रशेखर और जयंत को रोकने की सूचना जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, उनके समर्थक एयरपोर्ट के बाहर पहुंचे औऱ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ता उन्हें छोड़े जाने तक वहीं डटे रहने की बात कहते रहे।
करीब 12 दिन पहले भी चंद्रशेखर ने पाली के बारवा गांव (बाली) पहुंचकर मृतक जितेन्द्र मेघवाल को श्रद्धांजलि दी थी। इस दौरान बड़ी संख्या में बारवा गांव में भीड़ एकत्र हो गई। इसके बाद चंद्रशेखर ने पुलिस की मौजूदगी में जुलूस निकालकर होर्डिंग, पोस्टर फाड़े थे। भीम आर्मी चीफ ने भड़काऊ भाषण देकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की।
जितेंद्र मेघवाल की 15 मार्च को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार आपसी रंजिश के चलते उसकी हत्या की गई। जितेंद्र चिकित्सा विभाग में कोविड सहायक के पद पर कार्यरत था। वह ड्यूटी के बाद घर लौट रहा था, इसी बीच हमलावरों ने पीछे से वार किया। उसके नीचे गिरने के बाद भी हमलावरों ने चाकू से शरीर में कई वार किए। जितेंद्र को पुलिस ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
