
सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि देश की 84.4 फीसदी बालिग आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं,लेकिन 2.6 करोड़ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने पात्र होने के बावजूद एक भी डोज नहीं ली।सदन में यह जानकारी भी दी गई कि अभी तक किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से मौत की जानकारी नहीं दी है।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती पवार ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में ये भी बताया कि 97 फीसदी डोज के लिए लोगों से कोई पैसा नहीं लिया गया है।उन्होंने गत 30 मार्च तक के आंकड़े पेश करते हुए जानकारी दी कि 18 साल और उससे ऊपर के 79.28 करोड़ (84.4 प्रतिशत) लोगों को अब तक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। मार्च के आखिर तक लगाई गईं कुल डोज का 97 फीसदी यानी 167.14 करोड़ टीके लोगों को मुफ्त में लगाए गए हैं।
राज्यमंत्री भारती ने बताया कि 18 साल और उससे ऊपर के 2.8 फीसदी यानी 2.6 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने एक भी डोज नहीं ली है।15 से 18 साल की उम्र के लोगों 7.4 करोड़ की योग्य आबादी में से 5.7 करोड़ यानी 77 फीसदी ने एक डोज लगवा ली है। इस उम्र सीमा के 3.77 करोड़ यानी 51 फीसदी लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि कोरोना से अब तक 5.21 लाख मौतों के बारे में राज्यों ने केंद्र को जानकारी दी है।20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से कोरोना से मौतों के जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें से किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से होने की बात नहीं बताई गई है। कुछ राज्य अभी भी अपने आंकड़े सरकार के पोर्टल पर अपडेट कर रहे हैं।