
रविवार को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हुए हमले के बाद अब सुरक्षा एजेंसियां यूपी के अन्य हिन्दू मंदिरों को लेकर अलर्ट हो गयी हैं। प्रमुख रूप से अयोध्या, काशी विश्वनाथ धाम, मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि, और चित्रकूट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है यह स्थल आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं। इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिरों और प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए एसएसएफ का गठन किया था। स्टेट सिक्योरिटी फोर्स के नाम पर इसे सीआईएसएफ की तर्ज पर काम करना है। लेकिन अभी तक इस इकाई ने पूरी तरह से काम करना शुरू नहीं किया। अब इसकी ज़रूरत तेजी से महसूस की जा रही है।
एसएसएफ के जवानों की ट्रेनिंग अब जल्दीशुरू होगी। राम मंदिर तैयार होने तक एसएसएफ के कई बैच ट्रेंड हो चुके होंगे। एसएसएफ विशेष अधिकारों, आधुनिक तकनीक, संसाधन और हथियार से सुसज्जित होगी। इसे महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा में विशेषज्ञता हासिल होगी। एसएसएफ में विभिन्न सुरक्षा बलों के चुनिंदा जवानों के साथ कम उम्र में सेवानिवृत्त लेने वाले सैनिकों को भी शामिल किया जाएगा।
अयोध्या, काशी, मथुरा और चित्रकूट जैसे तीर्थ स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था संभालने का जिम्मा जिस एसएसएफ को दिया जाएगा, उसकी शुरूआत 5 बटालियन से होगी। जिसमें 9,919 जवान होंगे। एसएसएफ़ में चेकिंग यूनिट, डिफेंस यूनिट, अटैक यूनिट होंगी। इन सभी यूनिट पर एक साल में करीब 1747 करोड़ का खर्च आएगा।सीआईएसएफ की तर्ज पर यूपी एसएसएफ को भी किसी संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी लेने, उसे बिना वारंट गिरफ्तार करने, हिरासत में लेकर पूछताछ करने के अधिकार मिलेंगे। बाद में एसएसएफ के पास थाने जैसा पॉवर होगा। ताकि वो कानूनी प्रक्रिया का भी पालन करा सके। एसएसएफ राज्य सरकार के अधीन होगी।