
केंद्र ने आज कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च के अपने एक आदेश में कोरोना से हुई मौतों के मामले में मुआवजे के लिए क्लेम फाइल करने की समय सीमा तय की है। आदेश के अनुसार 20 मार्च से पहले हुई मौतों के लिए 60 दिनों के भीतर दावा दायर करना होगा। भविष्य में किसी भी मौत के लिए, क्लेम फाइल करने के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने कहा था कि चार सप्ताह की समय सीमा पर्याप्त नहीं है। केंद्र द्वारा कोविड-19 के कारण परिजनों की मृत्यु पर भुगतान के लिए क्लेम करने का समय तय किया गया था। कोर्ट ने कहा मृतक के परिजन दुख में होते हैं, लिहाजा इतना समय पर्याप्त नहीं है।न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने संकेत दिया कि ऐसे सभी व्यक्तियों को 60 दिन की अवधि दी जाएगी, जो मुआवजे के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हैं। भविष्य के दावेदारों को 90 दिन का समय दिया जाएगा।आदेश के अनुसार अगर कोई फर्जी क्लेम करता है तो उसे सजा भी दी जाएगी। क्लेम करने वालों में से 5 फीसदी की रैंडम जांच की जाएगी। अगर मामला फर्जी पाया गया को उसे सजा दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। उसे लगता था कि नैतिकता का स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता।