मारवाड़ में गहराते जल संकट के बीच रविवार को राजस्थान की पहली वाटर ट्रेन पाली पहुंची। यह ट्रेन जोधपुर से 20 लाख लीटर पानी लेकर आई है। ट्रेन का पाली पहुंचने पर गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया। पाली में पिछले 21 साल में यह ट्रेन पांचवीं बार आई है। ट्रेन के संचालन पर तीन महीनों के दौरान करीब 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस ट्रेन से शहर में जलापूर्ति की जाएगी।
इससे पहले रविवार सुबह जोधपुर के भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से ट्रेन करीब आठ बजे रवाना किया गया। ढाई घंटे का सफर तय करके यह ट्रेन 10 बजकर 15 मिनट पर पाली पहुंची। पाली में वाटर ट्रेन का भव्य स्वागत किया गया। ट्रेन के पायलट और लोको-पायलट को फूल माला पहनाई और ढोल बजाए गए। यहां मौजूद कांग्रेस व भाजपा के नेताओं ने ट्रेन आने को लेकर खुशी व्यक्त की, लेकिन दबी जुबान में जिले में पानी की स्थाई व्यवस्था नहीं होने की बात भी स्वीकारी। जोधपुर में ट्रेन को रवाना करने के दौरान राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, जोधपुर डीआरएम गीतिका पांडे सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
राजस्थान में चली पहली वाटर ट्रेन को तीन महीने से अधिक समय तक चलाया जाएगा। जानकारी के अनुसार यह ट्रेन 107 दिन संचालित होगी और 400 से अधिक फेरे लगाएगी। इसके एक फेरे का खर्च करीब चार लाख रुपए आएगा। जोधपुर से इस ट्रेन में अप्रैल के अंत तक 4 एमएलडी यानि 40 लाख लीटर पानी आएगा। फिलहाल यह ट्रेन दिन में दो फेरे लगाएगी। मई से फेरों की संख्या बढ़कर चार की जाएगी, जिससे पाली में प्रतिदिन 80 लाख लीटर पानी पहुंचेगा। हालांकि, तीन लाख की आबादी वाले पाली शहर को इससे कितनी राहत मिल पाएगी, इसको लेकर कई सवाल हैं। क्योंकि प्रति व्यक्ति करीब 55 लीटर पानी चाहिए और वाटर ट्रेन आने के बाद भी यह मात्रा 10 लीटर के करीब ही रहेगी।
यह ट्रेन पाली मारवाड़ रेलवे स्टेशन पर टैंकरों को खाली करेगी। यह पानी पाली-जोधपुर मार्ग स्थित विभागीय हेडवर्क्स में डिग्गी में इकट्ठा किया जाएगा और वहां से पंप के जरिए पाली नगर के सिटी टैंक के पास स्थित फिल्टर प्लांट पर भेजा जाएगा। इसके लिए जलदाय विभाग ने पूरी व्यवस्था कर ली है।
