सरिस्का के खूंखार बाघ की मौत

सरिस्का में सबसे खूंखार बाघ एसटी-6 की मौत हो गई। वह बूढ़ा हो गया था। उसे23 फरवरी 2011 को केवलादेव भरतपुर से अलवर लाया गया था। करीब 16 साल की उम्र में उसकी मौत हुई है। पहले एसटी- 4 और एसटी-6 के झगड़े में एसटी-4 की मौत हो गई थी। लेकिन एसटी-6 के भी पीठ पर घाव हो गए थे। जब बाघ की हालत नाजुक होती गई तो उसे नवम्बर 2020 से एनक्लॉजर में रखा गया। अब उसकी मौत हो गई है। जानकारी में यह भी आ रहा है कि बाघ को एनक्लॉजर में पूरा खाना नहीं मिला। रात को ही उसकीमौत हो गई, लेकिन अधिकारियों ने ऐसा मानने से इंकार किया है।

अलवर सरिस्का में एसटी-1 का शिकार हो गया। इसके बाद एसटी-4 झगड़े में मारा गया। अब एसटी-6 की मौत हो गई। एसटी-2 और एसटी-3 अभी जंगल में हैं। ये दोनों बाघिन हैं।अलवर सरिस्का में 7 शावक, 7मेल और 11 फीमले बाघ हैं। अब एक नर बाघ और कम हो गया। पिछले तीन महीने में दो नर बाघ कम हो गए। चिंता की बात यह है कि बाघ एसटी-13 सबसे ताकतवर टाइगर था, जिसके सरिस्का में करीब 11 से 12 शावक हैं। अब सरिस्का में कुल 25 बाघ बचे हैं।

सरिस्का में टाइगर एसटी-13 तीन महीने पहले से गायब है, जिसका कोई सबूत नहीं मिला है। अब उसे मृत मान लिया गया है। जानकारों का कहना है कि बाघ एसटी -13 का शिकार हो गया है। लेकिन वन प्रशासन का कहना है कि बाघ की मौत या शिकार के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।सरिस्का 2004-05 में टाइगर विहीन हो गया था। उसके बाद 2008 में यहां टाइगर को लाकर बसाया जाने लगा। उसके बाद से लगातार टाइगर की संख्या बढ़ी है, लेकिन अब वापस सरिस्का में बाघों की मौत व गायब होने शुरू हो गया है। पहले एसटी -5 बाघिन गायब हो गई। अब बाघ एसटी -13 गायब हुआ। बीच में दो-तीन बाघों का शिकार हो गया।

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