पीआरएसआई जयपुर चेप्टर द्वारा आयोजित 45 वां राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस तथा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि लोकायुक्त जस्टिस पी के लोहरा ने कहा कि सोशियल मीडिया जनजागरूकता के लिए जीवन रेखा हो सकती है। लिहाजा इस माध्यम को पारदर्शी, सच्चा तथा जिम्मेदार बनना पड़ेगा। भ्रामक संदेशों के इस दौर में जनसम्पर्क कर्मियों की भूमिका और बढ़ गई है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ सत्यनारायण सिंह ने कहा कि प्रशासक कुशल जनसम्पर्क के जरिये सरकारी योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचा सकते हैं। उन्होंने जनसम्पर्क कर्मियों से ज्ञानवर्धन तथा सामर्थ्य को बढ़ाने का आव्हान किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो• संजीव भानावत ने कहा कि जनसम्पर्क ने कोविड काल में अहम भूमिका निभाई है। लगातार प्रयासों के जरिये सकारात्मक माहौल तैयार हुआ। यही भाव और मनोबल कोरोना जैसी महामारी पर जीत का सूत्रधार बना। उन्होंने कहा कि जनसम्पर्क में सच्चाई का होना जरूरी है। उन्होंने गाँधीजी को सबसे बड़ा जनसम्पर्क कर्मी बताया, जिन्होने छोटे छोटे प्रयासों के जरिये देश को एकता के सूत्र में पिरोया तथा आजादी दिलाई।
कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने भी सम्बोधित किया। प्रारंभ में चैप्टर के अध्यक्ष रविशंकर शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और इस वर्ष की थीम ” विश्वास का बढाएं हाथ: एक नए युग की स्थापना, जनसम्पर्क के साथ” की विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी और भावी कार्यक्रमों के बारे में बताया। इस अवसर पर बडी संख्या में जनसम्पर्क कर्मी व उनके परिवारजन उपस्थित थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ जनसम्पर्क कर्मी रामस्वरूप जोशी को ‘जनसम्पर्क श्री’ से सम्मानित किया गया तथा वीना करमचंदानी, कविता जोशी, सुमनेश शर्मा, बी एल भटेजा को ‘जनसम्पर्क उत्कृष्टता सम्मान’ तथा डा. मनोज लोढ़ा औऱ डा. रयाज हसन को ‘जनसंचार शिक्षण विशिष्टता सम्मान’ व रामफूल गुर्जर, रेशमा खान, निर्मल गोयल, योगेश कानवा, आत्माराम सिंघल व डा. चन्द्रदीप हाडा को विशिष्ट उपलब्धि सम्मान से सम्मानित किया गया।
