राजस्थान के करौली से दर्दनाक घटना सामने आई है। करणपुर कस्बे से 8 किलोमीटर दूर डाबर मीना बस्ती (डोंगरी) में चंबल नदी के किनारे खड़े एक चरवाहे को मगरमच्छ अपने जबड़ों में दबाकर गहरे पानी में ले गया। चरवाहा बचने के लिए चीखता चिल्लाता रहा, लेकिन कोई उसकी मदद नहीं कर पाया। पास में मौजूद एक बच्चे ने चरवाहे की चीख सुनी तो उसके परिजनों और ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी।
परिजन और गांव के लोग इकट्ठा होकर मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक मगरमच्छ चरवाहे को गहरे पानी में ले जा चुका था। हादसा शुक्रवार शाम का है। मगरमच्छ करीब 18 घंटे तक चरवाहे के शव को जबड़े में जकड़ कर पानी में घूमता रहा। ग्रामीण देर रात तक टॉर्च की रोशनी में शव की खोजते रहे। लोगों की आवाज सुनकर रात में मगरमच्छ ने शव को छोड़ दिया। शनिवार सुबह चरवाहे का शव नदी से बाहर निकाला गया।
35 साल का हरिकेश डाबर मीना बस्ती (डोंगरी) में रहता था। शुक्रवार को वो अपनी बकरियां चराने जंगल ले गया था। शाम लौटते समय वो नदी में बकरियों को पानी पिलाने रुक गया। बकरियों के पानी पीते समय हरिकेश चंबल नदी के किनारे खड़ा हुआ था। तभी घात लगाकर बैठा मगरमच्छ उसे दबोच कर नदी के गहरे पानी में खींच ले गया। मृतक हरिकेश के परिवार में पत्नि सुनीता देवी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। सबसे बड़ा बेटा 15 साल, छोटा 8 साल व एक बेटी 11 साल की है। इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
परिजनों का आरोप है कि चरवाहे को बचाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। नदी से शव को लाने के लिए स्ट्रक्चर तक नहीं मिला। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन शव को ट्रैक्टर ट्रॉली में रखकर ले गए और दाह संस्कार किया।
