
शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट 2021)की जांच को लेकर आज राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला दिया गया कि जांच के दायरे में रीट लेवलवन की परीक्षा भी होगी। रीट लेवल वन में परीक्षार्थी नियुक्तिपाने के बाद भी जांच के दायरे में होंगे।
राजस्थान हाईकोर्ट में आज मामले की जांच कर रहे स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एडीजीअशोक राठौड़ को कोर्ट में बुलाया था, जहां पर राठौड़ ने जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारोली की भूमिका अभी तक सामने नहीं आयी है, लिहाज़ा उनसे कोई पूछताछ नहीं हुई है और गिरफ़्तारी नहीं हो रही है।राठौड़ ने यह माना कि प्रश्नपत्र जब प्रिंटिंग प्रेस से स्ट्रांग रूम के लिए लाया जा रहा था, तो साथ में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी और पुलिस की कोई गाड़ी नहीं थी।
हाईकोर्टमें जब रीट परीक्षार्थियों के वकील आनंद शर्मा ने पूछा कि परीक्षा करवाने के लिए निजी व्यक्ति राम कृपाल मीणा को कैसे शामिल किया गया था, तो कोर्ट के पूछने पर भी एडीजीराठौड़ ने कोई जवाब नहीं दिया।बताते चलें कि 20 लाख से ज्यारदा छात्रों ने टीचर बनने के लिए रीट की परीक्षा दी थी, लेकिन प्रश्नपत्र आउट होने के बाद रीट लेवल दो की परीक्षा सरकार ने रद्द कर पूरे मामले की जांच एसओजीको सौंप दी थी.
राठौड़ने बताया कि इस मामले में करीब 80 आरोपी हैं, जिनमें से 45 को पकड़ा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होगी। रीट परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच सीबीआईसे कराने की याचिका भी हाईकोर्ट में लगायी गई है, जिसपर सुनवाई हो रही है।