
22 अप्रैल को अलवर में 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चलाए जाने के 5 दिन बाद हिंदू संगठनों और साधु-संतों ने बुधवार को आक्रोश रैली निकाली। आक्रोश रैली की अगुवाई कर रहे अलवर सांसद बालक नाथ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम राजस्थान सरकार को तुष्टीकरण की राजनीति करने से रोकने के लिए यह मार्च निकाला निकाला गया है। जिन अधिकारियों ने मंदिर तोड़ा है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए और दोबारा मंदिर बनाया जाए।
रैली से पहले साधु-संतों और कलेक्टर शिवप्रसाद नकाते के बीच बातचीत का दौर चला। इसमें समाज के कई साधु, संत भी मौजूद रहे। वे अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर अड़े। अलवर के राजगढ़ में प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान 300 साल पुराना मंदिर तोड़ दिया था, इसके बाद से ही भाजपा राज्य सरकार पर हमलावर है और मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है। साधु-संतों के विरोध की शुरुआत कंपनी बाग के शहीद स्मारक से हुई। साधु-संतों के साथ-साथ बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता भी रैली में पहुंचे। अलवर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। आक्रोश रैली में हिस्सा लेने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश समेत राजस्थान के विभिन्न जिलों से साधु संतों की टोलियां अलवर पहुंची।अलवर में सड़क का रास्ता साफ करने के लिए 86 दुकानें व घर बुलडोजर से तोड़े गए थे, इसी में 300 साल पुराना मंदिर भी था। इस मामले में एक दिन पहले ही गहलोत सरकार ने एसडीएमऔर नगर पालिका के ईओ व चेयरमैन को भी सस्पेंड कर दिया है।