
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने देशभर में हो रहे दंगों को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। संघ प्रमुखने अमरावती के एक कार्यक्रम में कहा कि जिस समाज को हिंसा पसंद है, वो अपने अंतिम दिन गिन रहा है। भागवत ने ये भी कहा कि हिंसा से किसी को फायदा नहीं होता। सभी समुदायों को एक साथ मानवता की रक्षा करनी चाहिए।
भागवत का ये बयान पिछले दिनों रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर देश के कई हिस्सों में हुई हिंसा के संदर्भ में देखा जा रहा है।भागवत, कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोर्डिया के गद्दीनशीनी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें हिंसा त्यागने और शांति कायम करने वाला होना चाहिए। सभी समुदायों को मानवता की रक्षा का काम प्राथमिकता से करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब संत और समाज एक साथ आ जाएगा तो सरकार को उनके पीछे चलना ही होगा।
भागवत ने यह भी कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार हो या कोई और सरकार, वो समाज के दबाव में ही काम करती है। पूरा समाज अखंड भारत बनाने के लिए इच्छुक है। सिंधी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने के लिए अलग यूनिवर्सिटी बनाने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अखंड भारत देश में सभी का सपना है और पीएमनरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ये सपना जरूर हकीकत बनेगा।