राजस्थान में शराब की दुकाने नीलामी में नहीं उठने के बाद अब आबकारी विभाग खुद इनका संचालन करेगा। पहली बार ऐसा होगा जब सरकारी कर्मचारी शराब के ठेके खोलेंगे और उस पर बैठकर शराब बेचेंगे। इसके लिए 318 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की तैयारी है। जयपुर में 97 खाली दुकानों को राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन (आरएसबीसीएल), गंगानगर शुगर मिल (जीएसएम) और राजस्थान पर्यटन निगम (आरटीडीसी) को दिया जाएगा। इसके लिए विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम निर्धारित की है। शराब ठेकेदारों की मनमानी और पूल बनाने के कारण जयपुर में शराब की 25 फीसदी दुकानें इस बार नीलामी में नहीं उठी।
आबकारी विभाग ने मार्च और अप्रैल में शराब की दुकानों के लाइसेंस देने के लिए ऑनलाइन बिडिंग करवाई थी। चार बार करवाई इस बिडिंग में जयपुर जिले की करीब 292 दुकानें तो शराब ठेकेदारों ने उठा ली, लेकिन 110 दुकानें ऐसी है, जिनको ठेकेदारों ने नीलामी में नहीं उठाया। इसके पीछे कारण एरिया में अपनी मोनोपॉली रखना है। यही कारण है कि इस बार जयपुर में 404 में से 110 दुकानें अब तक नहीं उठी है। इसमें 97 दुकानें तो जयपुर शहर में नगर निगम सीमा में आती है, जबकि 13 दुकानें ग्रामीण अंचलों की है।
इस बार ठेकेदारों ने दुकानें कम उठाई तो शहर में दुकानें भी दूर-दूर एरिया में खुली है। इस कारण शराब एमआरपी से ज्यादा दाम पर बेच कर ठेकेदार मुनाफा कमा रहे हैं। दुकानें नीलामी में नहीं उठने से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसीलिए अब विभाग ने अपने स्तर पर दुकानें चलाने का फैसला किया है। वर्तमान में जयपुर में कुछ दुकानें आरटीडीसी चला रही है।
